राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन तथा विकास के साथ-साथ हिन्दी के प्रगामी प्रयोग में भी इस कार्यशाला की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस दो-दिवसीय कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि भवन; मात्स्यिकी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय, परिषद के अधीनस्थ संस्थानों जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के गणमान्य उच्चाधिकारीगण, वैज्ञानिक और शोध छात्र भाग ले रहे हैं।इस कार्यशाला का उद्घाटन समारोह 10 सितम्बर 2024 को किया गया।
इस समारोह का आरम्भ मुख्य अतिथि डॉ स्वप्न कुमार दत्ता, पूर्व उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) एवं कुलपति, बिस्वा भारती यूनिवर्सिटी और बिस्वा बांग्ला विश्वविधालय, संस्थान के निदेशक डॉ बसंत कुमार दास, हिंदी सर्वकार्यधिकारी डॉ श्रीकांत सामंता और वैज्ञानिक प्रवीण मौर्य एवं एस. के. साहू ने दीप प्रज्जवलित करके किया। संचालक अंजना एक्का, वैज्ञानिक ने इस कार्यशाला का महत्त्व वहां उपस्थित 250 दर्शकों के समक्ष संक्षिप्त शब्दों में बताया। डॉ श्रीकांत सामंता ने अपने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत करते हुए संस्थान में हो रहे हिंदी राजभाषा कार्यों पर प्रकाश डाला। वैज्ञानिक संजीव कुमार साहू ने सभागार में उपस्थित सभी को कार्यशाला के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रस्तुत की। संस्थान के विभिन्न क्षेत्रीय केंद्रों के प्रभारी एवं प्रभागाध्यक्षों ने इस अवसर पर ऑनलाइन मोड के द्वारा अपने विचार साँझा किये और अपने केंद्रों पर चल रही राजभाषा की गतिविधियों के बारे में बताया। इसके पश्चात मंच पर आसीन विशेष व्यतिगण एवं सम्पादकों ने सार ग्रन्थ का विमोचन किया।
मुख्य अतिथि डॉ स्वप्न कुमार दत्ता ने अपने वक्तव्य में इस संस्थान में हो रही हिंदी की गतिविधियों एवं कार्यो की भूरी-भूरी प्रसंशा की और सभी को इस कार्यशाला के लिए बधाई दी। इसके उपरांत संस्थान के निदेशक महोदय ने अपने भाषण के दौरान सार ग्रन्थ और कार्यशाला के क्रियान्वयन पर हिंदी समिति को अपनी शुभकामनाएं दी और सभी कर्मचारियों से हिंदी में अधिक से अधिक कार्य करने के अपने संकप्ल को दोहराया। अंत में वैज्ञानिक प्रवीण मौर्य ने सभी के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस उद्घाटन समारोह को राष्ट्रगान के उपरांत संपन्न किया गया।