भाकृअनुप-केन्‍द्रीय अंतर्स्‍थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्‍थान, बैरकपुर, कोलकाता के हिंदी सप्‍ताह समारोह 2018 की रिपोर्ट

उद्घाटन समारोह

गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी संस्‍थान द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं प्रोत्‍साहन की कड़ी के रूप में हिंदी सप्‍ताह समारोह दिनांक 14 सितम्‍बर, 2018 से 20 सितम्‍बर, 2018 तक मनाया गया। हिंदी सप्‍ताह कार्यक्रम का उद्घाटन दिनांक 14 सितम्‍बर, 2018 को माननीय निदेशक महोदय जी के करकमलों से हुअ। इस कार्यक्रम की शुरूआत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के स्‍वागत गीत से की गई। तत्‍पश्‍चात श्रीमती सुमन कुमारी, वैज्ञानिक, ने गणमान्‍य व्‍यक्तियों एवं सभागार में उपस्थित अधिकारिेयों व कर्मचारियों का स्‍वागत किया।

इस मौके पर आदरणीय निदेशक महोदय डा. बि. के. दास ने सभी कर्मचारियों को हिन्दी सप्ताह की बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कार्यालय कामकाज में राजभाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया। उन्‍होंने संस्थान के कर्मचारी-परिवार से अपने कर्तव्‍यों को अच्‍छी तरह से निभाने एवं राजभाषा कार्यान्‍वयन संबंधी उत्‍तरदायित्‍व पर सतर्क बनने को कहा। इस अवसर पर उन्‍होंने हिंदी कक्ष को निर्देश दिया कि प्रत्‍येक महीने संस्‍थान के अनुभागों को पत्र लिखकर राजभाषा हिंदी कार्य की प्रगति का जायजा लिया जाये। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने अपने ही कक्ष के कर्मचारियों को निर्देश दिया कि निदेशक कक्ष से अधिकतम पत्र-व्‍यवहार हिंदी में करें।

इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि डा. एन. सिंह, निदेशक, विवेकानन्‍द मिशन, पांसकुड़ा को आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने व्याख्यान का प्रारंभ संस्थान के निदेशक डा. बि. के. दास को हिन्दी सप्ताह पर बधाई देते हुए हर्ष प्रकट किया कि वे संस्थान में हो रहे हिन्दी के कार्यों से बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने अपने सम्‍बोंधन कहा कि कार्यालय के कामकाज में सरल हिन्‍दी का प्रयोग करें। लच्‍छेदार, साहित्यिक भाषा की कार्यालय में कोई उपयोगिता नहीं है। ऐसी भाषा का प्रयोग करे, जिसे सभी आसानी से समझ सके। उन्‍होंने कहा कि सामान्‍य रूप से प्रचलित शब्‍दों का प्रयोग करने के साथ ही अन्‍य भाषाओं के प्रचलित शब्‍दों का बेहिचक प्रयोग करें। उन्‍होंने कहा कि जहां कठिन शब्‍द हो वहां मूल अंग्रेजी शब्‍द को देवनागरी लिपि में लिख दें। उन्‍होंने यह भी कहा कि इंटरनेट पर उपलब्‍ध सभी सर्च इंजन और आज की युवा पीढ़ी के ऐप्‍स जैसे फेसबुक, ब्‍लॉग और ट्विटर आदि भी हिंदी में उपलब्‍ध हैं।

विशेष अतिथि डा. बी. सी. झा, पूर्व प्रभागाध्‍यक्ष, भाकृअनुप-केन्‍द्रीय अंतर्स्‍थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्‍थान, बैरकपुर ने अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है इसके लिए हमें अधिक प्रयत्‍न करने की आवश्‍यकता नहीं होनी चाहिए। उन्‍होंने समस्‍त कर्मचारियों से आग्रह किया कि अपने-अपने अनुभाग में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करें।

डा. वी. आर. सुरेश, प्रभागाध्‍यक्ष एवं श्री राजीव लाल, मुख्‍य प्रशासनिक अधिकारी, भाकृअनुप-केन्‍द्रीय अंतर्स्‍थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्‍थान, बैरकपुर उपस्थित थे। सभी ने राजभाषा हिंदी में कार्य करने के लिए अपने-अपने मार्ग दर्शाये।

डा. श्रीकान्‍त सामन्‍ता, प्रधान वैज्ञानिक एवं सर्वकार्यभारी, हिंदी कक्ष ने संस्‍थान में हो रहे हिंदी कार्य का संक्षिप्‍त विवरण प्रस्‍तुत किया। इस अवसर पर महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्‍ली द्वारा जारी राजभाषा हिंदी से संबंधित अपील भी अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच पढ़कर सुनाई गयी । तत्‍पश्‍चात् श्री एस. के. साहू वैज्ञानिक ने आमंत्रित अतिथियों एवं सभा में उपस्थिति सभी सदस्‍यों को धन्‍यवाद दिया।



समापन समारोह

हिंदी सप्‍ताह का समापन समारोह दिनांक 20 सितम्‍बर, 2018 को अपराह्न 2.30 बजे प्रभारी निदेशक एवं प्रभागाध्‍यक्ष डा. बी. पी. मोहान्ति की अध्‍यक्षता में संपन्‍न हुआ। मुख्‍य प्रशासनिक अधिकारी, श्री राजीव लाल ने स्‍वागत भाषण दिया और हिंदी सप्‍ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों के बारे में विस्‍तृत जानकारी दी। इसके अलावा उन्‍होंने अपने व्‍याख्‍यान में राष्‍ट्रभाषा और राजभाषा का अंतर बताते हुए कहा कि विभिन्‍न जाति, धर्म और संप्रदाय के लोग पारस्‍परिक संवाद करते है तो उसे राष्‍ट्रभाषा और केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार शासकीय पत्र-व्‍यवहार, राजकाज, सार्वजनिक कार्यों के लिए जिस भाषा का प्रयोग करते है उसे राजभाषा कहते है। यह पूरे देश को जोड़नेवाली संपर्क भाषा है। उन्‍होंने कार्यालय के अधिकाधिक काम हिन्‍दी में करने का आह्वान किया।

. डा. यू. के. सरकार, प्रभागाध्‍यक्ष ने भी अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्यालय में राजभाषा हिंदी के महत्‍व के बारे में दर्शया।

हिंदी सप्‍ताह के अवसर पर हिंदी में पावर पॉइंट बनाने एवं कम्‍प्‍यूटर पर यूनिकोंड में काम करने की सुविधा आदि विषय पर भी प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण श्री एस. के. साहू, वैज्ञानिक, श्री प्रवीण मौर्य, वैज्ञानिक एवं श्रीमती सुचेता मजूमदार, मुख्‍य तकनीकी अधिकारी द्वारा दिया गया।

हिंदी सप्‍ताह के दौरान विभिन्‍न प्रतियोगिताएं जैसे हिंदी निबंध प्रतियोगिता, हिंदी श्रुत लेखन प्रतियोगिता, हिंदी शब्‍दावली प्रतियोगिता, प्राज्ञ पास अधिकारियों के लिए प्रश्‍नोत्‍तरी, तात्‍कालिक भाषण प्रतियोगिता एवं कविता पाठ का आयोजन किया गया। श्री प्रवीण मौर्य, वैज्ञानिक द्वारा संचालित कविता पाठ में कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वरचित कविता का पाठ किया। कार्यालयीन काम मूलरूप से हिंदी में करने पर प्रोत्‍साहन योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को नकद पुरस्‍कार भी वितरित किए गए। इस अवसर पर संपन्‍न हुई प्रतियोगिताओ में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को पुरस्‍कृत किया गया।

प्रभारी निदेशक डा. बी. पी. मोहान्ति, प्रभागाध्‍यक्ष डा. यू. के. सरकार, मुख्‍य प्रशासनिक अधिकारी श्री राजीव लाल एवं वरिष्‍ठ वित्‍त व लेखा अधिकारी, श्री एन. वी.आर. एन. मूर्ति ने सभी विजेताओं को पुरस्‍कार देकर सम्‍मानित किया। डा. बी. पी. मोहान्ति ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि सप्‍ताह के दौरान हिंदी में काम करने की जो ऊर्जा मिली है, इसे साल भर बनाए रखें अपने साथियों को भी हिंदी में काम करने और सप्‍ताह के दौरान आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर प्रभारी निदेशक, डा. बी. पी. मोहान्ति ने हिंदी में वैज्ञानिक पत्रिका निकालने के लिए भी निर्देश दिये।

कार्यक्रम के अंत में मो. कासिम, प्रभारी, हिंदी कक्ष ने सभा में उपस्थित सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों/कर्मचारियेां/शोध छात्र-छात्राएं/संवीदात्‍मक कर्मचारियों को धन्‍यवाद ज्ञापन दिया।


  

  

  


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2016 Last updated on 23/08/2017