एक-दिवसीय कार्यशाला “जीविकोपार्जन में अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी की भूमिका” का आयोजन
आज दिनांक 16 मार्च 2019 को भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर,
कोलकाता, द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला “जीविकोपार्जन में अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी की भूमिका” विषय पर
आयोजित की गयी । कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं सम्मानित अतिथियो द्वारा दीप प्रज्वलन क्रकर
किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ बसंत कुमार दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान
संस्थान, बैरकपुर ने स्वागत भाषण के साथ किया । डॉ दास ने संस्थान की उपलब्धिया एवं क्रियाकलापों की
जानकारी दी साथ ही साथ राजभाषा हिंदी में संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया । उन्होंने
सम्मानित अतिथियो को बताया कि इस कार्यशाला के लिए 60 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए है जो अपने में एक
रिकॉर्ड है । इन 60 शोध पत्रों को दो पुस्तकों के रूप में प्रकाशित किया गया है ।
सम्मानित अतिथि डॉ (श्रीमती) विजयालक्ष्मी सक्सेना, महाध्यक्ष (निर्वाचित), इंडियन साइंस कांग्रेस,
कोलकाता ने अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं अन्य अधिकारिओ को हिंदी में इस बड़े स्तर पर
कार्यशाला आयोजित करने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की एवं भविष्य में इससे भी बड़े आयोजन की उम्मीद की ।
उन्होंने भारत के विभिन्न भागो में मत्स्यपालको के जीवनयापन की स्थितिओ की चर्चा की और उम्मीद जताया
की संस्थान के प्रयासों से मछुआरो के वर्तमान स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होंगे ।
मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार सक्सेना, पूर्व महाध्यक्ष, इंडियन साइंस कांग्रेस, कोलकाता ने अपने संबोधन में
इस कार्यशाला के उद्देश्य विशेषकर मछली पालको की आय दुगुनी करने के प्रयास की प्रशंसा की और कहा की
संस्थान द्वारा बड़ी मात्रा में चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से मछली पालको में उधमिता विकास करने में
सहायता मिलेगी । उन्होंने निदेशक, सिफरी से आग्रह किया कि इंडियन साइंस कांग्रेस के 28 चैप्टर्स के द्वारा
आयोजित सेमिनारो में इस संस्थान को 2 घंटो का समय दिया जायेगा जिससे अधिक से अधिक किसान एवं
मछली पालक लाभान्वित होंगे ।
इस अवसर पर दो पुस्तकों का विमोचन किया गया :
1)मतस्यिकी वर्धन में जलीयपारिस्थितिकी का योगदान, एवं
2) सामाजिक उत्थान में अंतर्स्थलीय मतस्यिकी की महत्ता
डॉ श्रीकांत सामंत, सर्वकार्यभारी अधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया । कार्यशाला के दो सत्रों में
विभिन्न विषयो पर साठ से अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्मी, और हितधारक अपने विचारों/कार्यों को विस्तृत रूप से
प्रस्तुत किये और मात्स्यिकी तथा मत्स्य कृषकों के लिए नई दिशायों की संभावनायों पर विचार-विमर्श किया ।
इस कार्यशाला के आयोजक डॉ बी के दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान
संस्थान, है, और इसके संयोजक प्रवीन मौर्य, संजीव कुमार साहू, श्रीकांत सामंत और सुमन कुमारी है ।