एक दिवसीय हिंदी वैज्ञानिक कार्यशाला “अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी : संरक्षण, संवर्धन एवं जीविकोपार्जन” का आयोजन
आज दिनांक 13 सितम्बर 2019 को भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता, एवं इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन, कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में हिंदी सप्ताह एवं हिंदी कार्यशाला “अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी : संरक्षण, संवर्धन एवं जीविकोपार्जन” विषय पर बैरकपुर, कोलकाता में आयोजित की गयी । हिंदी सप्ताह एवं कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं सम्मानित अतिथियो द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ उत्तम कुमार सरकार, प्रभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने स्वागत भाषण के साथ किया । डॉ सरकार ने हिंदी सप्ताह के दौरान हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी साथ ही साथ राजभाषा हिंदी में संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया । सम्मानित अतिथि डॉ (श्रीमती) विजयालक्ष्मी सक्सेना, महाध्यक्ष (निर्वाचित), इंडियन साइंस कांग्रेस, कोलकाता ने अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं अन्य अधिकारिओ को हिंदी में इस बड़े स्तर पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की । उन्होंने हिंदी सप्ताह के संयुक्त आयोजन के लिए संस्थान को धन्यवाद दिया ।
सम्मानित अतिथि डॉ मनोज कुमार चक्रवर्ती, पूर्व महाध्यक्ष, इंडियन साइंस कांग्रेस, कोलकाता ने अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं अन्य अधिकारिओ को हिंदी सप्ताह के संयुक्त आयोजन के लिए धन्यवाद दिया । उन्होंने आशा जताई कि मछुआरो की आय दुगुनी करने में यह कार्यशाला महती भूमिका निभाएगा ।
मुख्य अतिथि डॉ बसंत कुमार दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने अपने संबोधन में इस कार्यशाला के उद्देश्य एवं लक्ष्य के बारे में सभी प्रतिभागियो को अवगत कराया । उन्होंने सम्मानित अतिथियो को बताया कि इस कार्यशाला के लिए 65 शोध पत्र प्राप्त हुए है जो अपने में एक रिकॉर्ड है। इन 65 शोध पत्रों को दो ग्रंथो के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है । उन्होंने भारत के विभिन्न भागो में मत्स्यपालको के जीवनयापन की स्थितिओ की चर्चा की और उम्मीद जताया की संस्थान के प्रयासों से मछुआरो के वर्तमान स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होंगे ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ अशोक कुमार सक्सेना, पूर्व महाध्यक्ष, इंडियन साइंस कांग्रेस, कोलकाता ने हिंदी सप्ताह के महत्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा की इस कार्यशाला से विशेषकर मछली पालको की आय दुगुनी करने के प्रयासो को एक बल मिलेगा । उन्होंने अपने संबोधन में संस्थान द्वारा बड़ी मात्रा में चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एक अच्छी पहल बताया और कहा की इससे मछली पालको में उधमिता विकास करने में सहायता मिलेगी । उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इस तरह के प्रयासों से अधिक से अधिक किसान एवं मछली पालक लाभान्वित होंगे । डॉ सक्सेना ने बताया की 108 भारतीय विज्ञानं कांग्रेस जो 3-7 जनवरी 2021 में होने वाली है के दौरान मात्स्यिकी पर एक सत्र आयोजित किया जायेगा ।
इस अवसर पर प्रोफेसर रणजीत कुमार वर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष, डॉ. एस. रामकृष्ण, महासचिव (सदस्यता कार्य), इंडियन साइंस कांग्रेस, कोलकाता ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
इस अवसर पर तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया :
अंतर्स्थलीय मत्स्य संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन प्रभाव का विश्लेषण
मात्स्यिकी संवर्धन हेतु प्रौधोगिकिया एवं आजीविका सुरक्षा , एवं
अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी का संरक्षण – समस्याए और संभावनाए
अंत में धन्यवाद ज्ञापन, इंडियन साइंस कांग्रेस की ओर से प्रो शिव सत्य प्रकाश, कोषाध्यक्ष एवं संस्थान की ओर से डॉ श्रीकांत सामंत, सर्वकार्यभारी अधिकारी (हिंदी) द्वारा किया गया ।
कार्यशाला के दो सत्रों में विभिन्न विषयो पर पैंसठ से अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्मी, और हितधारको ने अपने विचारों/कार्यों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किये और मात्स्यिकी तथा मछुआरो के लिए नई दिशायों की संभावनायों पर विचार-विमर्श किया । एक सौ से ज्यादा प्रतिभागियो ने इस कार्यशाला में भाग लेकर अपना योगदान किया ।
इस कार्यशाला के आयोजक डॉ बी के दास, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, है, और इसके संयोजक श्रीकांत सामंत, प्रवीण मौर्य, संजीव कुमार साहू, गणेश चन्द्र, सुमन कुमारी, और मो कासिम है ।
हिंदी सप्ताह के अवसर पर दिनांक 13 सितम्बर से 19 सितम्बर 2019 तक विभिन्न कार्यकर्मो जैसे कविता पाठ, निबंध लेखन, हिंदी कार्य समीक्षा, क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा ।