केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसन्धान संस्थान, बैरकपुर में हिंदी सप्ताह का उद्घाटन.

आज हिंदी दिवस के अवसर पर केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसन्धान संस्थान, बैरकपुर में हिंदी सप्ताह के वर्चुअल आयोजन का उद्घाटन मुख्य अतिथि भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, कोलकाता की निर्वाचित अध्यक्षा डॉ श्रीमती विजया लक्ष्मी सक्सेना जी के द्वारा किया गया । इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथि डॉ अशोक कुमार सक्सेना, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय विज्ञान कांग्रेस, डॉ विमल मोहन्ती, सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद, दिल्ली, संस्थान के निदेशक डॉ वसंत कुमार दास, एवं संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक मौजूद थे ।

डॉ श्रीकांत सामंत, सर्वकार्यधिकारी, हिंदी कक्ष के द्वारा सभी अतिथियो का स्वागत किया गया । श्री राजीव लाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान के द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी ।

डॉ विमल मोहन्ती, सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद, दिल्ली ने अपने वक्तव्य में कहा की यह संस्थान विगत तीन वर्षो से प्रतिवर्ष भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था , कोलकाता के साथ हिंदी दिवस का आयोजन करता रहा है । मई इस अवसर पर परिषद् की ओर से संस्थान को धन्यवाद देता हूँ ।

डॉ अशोक कुमार सक्सेना, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था ने अपने वक्तव्य में कहा की प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस एवं 16 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है । उन्होंने आग्रह किया की हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान की पुस्तकों एवं शोध पत्रों का अधिक से अधिक प्रकाशन हिंदी माध्यम में किया जाये जिससे विज्ञान को जन जन तक पहुँचाया जा सके ।

मुख्य अतिथि भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, कोलकाता की निर्वाचित अध्यक्षा डॉ श्रीमती विजया लक्ष्मी सक्सेना ने संस्थान के निदेशक एवं कर्मचारिओं को हिंदी दिवस के आयोजन की बधाई दी । उन्होंने कहा की 14 सितम्बर १९५३ को पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था । हिंदी जन संवाद की भाषा है, और बोलचाल की भाषा के रूप में यह भारत के अनेक प्रदेशो में सुदृढ़ है । हिंदी भारतीय जनमानस की भाषा और भारतीय विज्ञान का वाहक होना चाहिये । हिंदी के प्रसार के लिए हमारी सरकार का भी अत्यधिक योगदान है । माननीय प्रधानमंत्री के साथ साथ देश के अन्य वरिष्ट नेतागण अंतर्राष्ट्रीय सभायों में हिंदी में अपना अभिभाषण देते है । उन्होंने अपील की कि हिंदी में लिखित वैज्ञानिक पुस्तकों को पाठ्यक्रम के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए ।

संस्थान के निदेशक डॉ वसंत कुमार दास ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा की इस साल कोरोना महामारी के कारण हिंदी सप्ताह का आयोजन वर्चुअल प्लेटफार्म पर किया जा रहा है इसमें संस्थान के सभी क्षेत्रियो केन्द्रों के साथ साथ भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, कोलकाता के सभी पदाधिकारीगण जुड़े हुए है । मई इस अवसर पर संस्थान के हिंदी कार्य से जुड़े सारे वैज्ञानिको, कर्मचारियो को बधाई देता हूँ । विगत तीन वर्षो से हमारी हिंदी मासिक समाचार पत्रिका समय से प्रकाशित हो रही है । संस्थान के सभी तकनीको को जन जन तक पहुचाने के लिए हिंदी भाषा में पुस्तिकाओ एवं लीफलेट का प्रकाशन हुआ है और इनको मत्स्य कृषको तक पहुँचाया जा रहा है ताकि वो अधिक से अधिक लाभान्वित हो ।

इस अवसर पर संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों एवं क्षेत्रीय केन्द्रों के प्रभारियो ने भी अपने वक्तव्य दिए । डॉ संजीव कुमार साहू ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।


  


This website belongs to ICAR-Central Inland Fisheries Research Institute, Indian Council of Agricultural Research, an autonomous organization under the Department of Agricultural Research and Education, Ministry of Agriculture & Farmers Welfare, Government of India. Copyright @ 2010 ICAR, This website is developed & maintained by Agricultural Knowledge Management Unit.
2016 Last updated on 23/08/2017