भाकृअनुप-केन्‍द्रीय अंतर्स्‍थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्‍थान ने आदिवासी महिलाओं के लिए बालासोर,ओडिशा के रिसिया नीलगिरी गांव और भुवनेश्वर के चुनाकुली दमाना गांव में रंगीन मछली इकाई की स्थापना की

ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍वरोजगार और आजीविका सुधार के लिए रंगीन मत्‍स्‍य पालन एक सबसे से अच्‍छा विकल्‍प माना जाता है। भाकृअनुप-के.अं.मा.अनु.संस्‍थान, बैरकपुर ने ओडिशा के आदिवासी गांवों में एक रंगीन मछली इकाई विकसित करने का पहल किया जिसका उद्देश्‍य आदिवासी महिलाओं को सशक्‍त बनाना और उन्‍हें आय का विकल्‍प स्‍त्रोत प्रदान करके उन्‍हें स्‍वरोजगार देना है। इसे देखते हुए वालासोर जिले के रिसिया नीगिरी गांव और भुवनेश्‍वर के चुनाकुली, दमाना गांव, ओडिशा के आदिवासी महिलाओं के लिए आदिवासी उप योजना (टीएसपी) के तहत 26-27 फरवरी, 2021 तक जागरूकता सह प्रदशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। डा. बि. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-के.अं.मा.अनु.संस्‍थान ने रंगीन मछली के पालन पर प्रकाशन डाला और ग्रामीण महिलाओं को वैकल्पिक आय प्राप्‍त करने और इस क्षेत्र में उनकी आय बढ़ोतरी के तरीके बताएं। निदेशक, भाकृअनुप-के.अं.मा.अनु.संस्‍थान दोनों गांवों में 50 रंगीन मछली इकाई का वितरण किया जिस तरह 35 यूनिट को रिसिया नीलगिरी गांव में दिनांक 26.2.2021 को और 15 यूनिट चुनाकुली दमाना गांव में दिनांक 27.2.2021 को रोटरी क्‍लब ऑफ भुवनेश्‍वर और रोयाल आडिशा इकराम खेतरा के सदस्‍यों की उपस्थिति में आदिवासी लाभार्थियो के बीच वितरण किया। इस वितरण में 350 लीटर क्षमता वाला एफआरपी टैंक, एरेटर, हीटर, जलीय पौधे, दवाएं, फिड, कावरिंग नेट, एक्‍टेंशन तार तथा रंगीन मछली का भी वितरण किया गया। गांवों में रंगीन मछली इकई स्‍थापित किया गया और प्रदर्शित की गई। यूनिट स्‍थापना से पहले दोनों गांवों की महिलाओं को भाकृअनुप-के.अं.मा.अनु.संस्‍थान, बैरकपुर में रंगीन मछली के पालन के लिए सैद्धान्तिक और व्‍यवहारिक कौशल तथा प्रजनन पर प्रशिक्षण दिया गया। एससीएसपी कार्यक्रम और रोटरी अंतर्राष्‍ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के अधीन संयुक्‍त रूप से भाकृअनुप-के.अं.मा.अनु.संस्‍थान, बैरकपुर, रोटरी क्‍लब ऑफ एकमरा खेतरा तथा रोटरी क्‍लब ऑफ भुवनेश्‍वर रोयाल, ओडिशा द्वारा भारत सरकार के कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करके आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समन्‍वय डा. बि. के. दास की देख रेख में श्री एम. एच. रामटेके, डा. पी. के. परीदा, डा. लियनथुअमलुई तथा श्री एच. एस. स्‍वैन द्वारा सम्‍पन्‍न किया गया।


  
  
  


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2017 Last updated on 06/10/2020