राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज द्वारा गंगा नदी में मछलियों को छोड़ा गया
भाकृअनुप - केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज ने 10 जुलाई 2021 को गंगा नदी के तट पर तीन स्थानों पर ( प्रयागराज के संगम स्थल, राम घाट और दशाश्वमेध घाट) राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस मनाया। संगम स्थल, प्रयागराज में मुख्य समारोह सह जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रयागराज की मयोर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता नंदी मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने एकत्रित श्रोताओं को संबोधित किया और मानव जाति के लिए गंगा और मछलियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों से गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने का आग्रह किया जो अंततः नदी की जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करती है। इन मछलियों को पुनर्स्थापित और संरक्षित करने के लिए विशेष रूप से पाले गए भारतीय मेजर कार्प (आईएमसी) की 3000 (तीन हजार) मछलियों को गंगा नदी में प्रवाहित किया गया। केंद्र के प्रभारी डॉ. डी.एन.झा ने अतिथि का स्वागत किया और उपस्थित दर्शकों को विस्तार से मछली पालन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने दर्शकों को गंगा नदी की महत्वपूर्ण मछलियों और जैव विविधता के संरक्षण और पुनर्स्थापना के लिए संस्थान द्वारा किए गए कार्यों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गंगा विचार मंच एवं नमामि गंगे के प्रतिनिधि श्री राजेश शर्मा, संयोजक, ने भी संबोधित किया। उन्होंने लोगों को गंगा को स्वच्छ रखने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी और इस उद्देश्य को सफल करने के लिए आम जनता की भूमिका पर जोर दिया।
इस अवसर पर गंगा विचार मंच, डब्ल्यूआईआई, मत्स्य विभाग, गंगा प्रहरी, गंगा टास्क फोर्स के अधिकारी, आसपास के गांवों के मछुआरे, मछली व्यापारी और गंगा तट पर रहने वाले स्थानीय लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में वैज्ञानिक डॉ . वेंकटेश ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. मोनिका गुप्ता, श्री जीतेन्द्र कुमार, डॉ. संदीप कुमार मिश्रा, श्री श्री शिवजन्म वर्मा, श्री संदीप मिश्रा और संस्थान के प्रयागराज केंद्र के अन्य कर्मचारियों ने मिलकर किया।