अनुसूचित जनजातीय उपयोजना कार्यक्रम के तहत बेलेडंगा आर्द्रभूमि में किसी भी जलवायु में सक्षम और ऑटो ब्रीडर मछली, सिस्टोमस सराना की कैप्टिव नर्सरी की स्थापना

छोटे कार्प और किसी भी तरह की जलवायु में सक्षम मछली के उत्पादन को बढ़ाने के लिए, डॉ. बि. के. दास, निदेशक के नेतृत्व में संस्थान ने अनुसूचित जनजातीय उपयोजना कार्यक्रम के तहत अपनाई गई सभी आर्द्रभूमि में ऑटो ब्रीडर सिस्टोमस सराना को स्टॉक करने की पहल की है।
यह मछली उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा और मछुआरों द्वारा हर बार की गई स्टॉकिंग के लागत को भी कम करेगा, क्योंकि मछली की प्रजाति एक ऑटो ब्रीडर है और आर्द्रभूमि में ही प्रजनन कर सकती है। 17 जुलाई 2021 को बेलेडंगा आर्द्रभूमि, उत्तर २४ परगना, पश्चिम बंगाल की कैप्टिव नर्सरी में स्टॉक किए गए 8.02±0.98 ग्राम के औसत आकार के लगभग 10,000 सिस्टोमस सराना (सराना पुटी) अंगुलिकाएँ । इस प्रजाति को इसके कठोर परिस्थिति में भी जीवित रहने की क्षमता और ऑटो प्रजनन क्षमता को ध्यान में रखते हुए रखा जा रहा है। संपूर्ण स्टॉकिंग कार्यक्रम आर्द्रभूमि मत्स्य पालन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। मछुआरों को आर्द्रभूमि मत्स्य पालन में सराना मछली के महत्व के बारे में शिक्षित किया गया। सराना के अंगुलिकायों को कैप्टिव नर्सरी में 6 सप्ताह की अवधि के लिए थोड़े बड़े अंगुलिमीनों को प्राप्त करने के लिए स्टॉक किया जाता है और फिर आर्द्रभूमि में छोड़ दिया जाता है।
कार्यक्रम की परिकल्पना डॉ. बि. के. दास, संस्थान के निदेशक, द्वारा की गई थी और डॉ. पी. के. परिदा और श्री एच.एस. स्वैन द्वारा समन्वयित किया गया था। श्री के. मंडल, श्री पूर्ण चंद्र, वाईपी-II और संस्थान के अन्य अनुसूचित जनजातीय उपयोजना कार्यक्रम के कर्मचारियों ने स्टॉकिंग कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।


  


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2017 Last updated on 16/07/2021