संस्थान के गुवाहाटी अनुसंधान केंद्र द्वारा दिनांक 29 जुलाई, 2021 को अंतर्स्थलीय खुलाजल क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि हेतु पेन पालन तकनीक” को लोकप्रिय बनाने पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम
भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफ़री) के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, गुवाहाटी द्वारा दिनांक 29.07.2021 को "“अंतर्स्थलीय खुलाजल क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि हेतु पेन पालन तकनीक” को लोकप्रिय बनाने पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य खुलाजल क्षेत्र के हितधारकों की आय और आजीविका में सुधार के लिए पेन पालन प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना था। डॉ. प्रोनोब दास, वैज्ञानिक और समन्वयक, सिफ़री के क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी ने असम मत्स्य विकास निगम (एएफडीसी) लिमिटेड, गुवाहाटी, मत्स्य निदेशालय, सरकार द्वारा नामित प्रतिभागियों का स्वागत किया। मात्स्यिकी महाविद्यालय, राहा, असम और पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश आदि के प्रतिभागी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में डॉ. दास ने कहा कि वर्तमान ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन पेन पालन तकनीक को लोकप्रिय बनाने के लिए किया गया था ताकि अंतर्स्थलीय खुलाजल क्षेत्र जैसे बाढ़कृत मैदानी आर्द्रभूमि में मछली उत्पादन में वृद्धि की जा सके। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. बी. के भट्टाचार्य, केंद्र प्रमुख, गुवाहाटी ने बताया कि डॉ. जे. के. जेना, उप-महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के मार्गदर्शन और डॉ. बि. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर के नेतृत्व में संस्थान ने 90 के दशक से अंतर्स्थलीय खुले जल विकास के लिए दिशा-निर्देशों और प्रौद्योगिकियों का विकास और प्रसार किया है। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. बि के दास, निदेशक ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और पूर्वोत्तर क्षेत्र में संस्थान की विभिन्न संलग्नक पालन गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को एक सतत तरीके से प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि सिफ़री और एएफडीसी लिमिटेड असम के बील मछुआरों की आय और आजीविका में सुधार के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र और संवादात्मक बैठक में कुल 120 प्रतिभागियों ने सक्रिय भाग लिया। तकनीकी सत्र में डॉ. भट्टाचार्य ने पेन पालन तकनीक के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। श्रीमती नीति शर्मा, वैज्ञानिक, गुवाहाटी ने पेन पालन में मछली के स्वास्थ्य और आहार प्रबंधन पर विस्तार से बताया। संवादात्मक बैठक का संचालन डॉ. बी के भट्टाचार्य, डॉ.एस. येंगकोकपम, वैज्ञानिक; डॉ. डी देबनाथ, वैज्ञानिक; श्री. ए. के यादव, वैज्ञानिक; डा. पी. दास, वैज्ञानिक; डॉ. एस.सी.एस.दास, वैज्ञानिक; डॉ. एस बोराह, वैज्ञानिक; श्रीमती नीति शर्मा, वैज्ञानिक; डॉ. एन. एस. सिंह, वैज्ञानिक और बी. सी. रे, तकनीकी अधिकारी ने किया। डॉ. ए. के यादव, वैज्ञानिक और सह-समन्वयक, के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन हुआ। ।