संस्थान में आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए जलाशय में मत्स्य उत्पादन वृद्धि” पर राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड द्वारा प्रायोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन
भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में दिनांक 29.07.2021 को "आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए जलाशयों में मत्स्य उत्पादन वृद्धि" पर राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड द्वारा प्रायोजित एक ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को मत्स्य पालन बढ़ाने के लिए जलाशयों के महत्व तथा आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए जलाशय मत्स्य प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर जागरूक करना था। इसके उद्घाटन सत्र में डॉ. बि के दास, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और उन्हें पोषण और आजीविका सुरक्षा में सुधार के लिए जलाशयों में सतत्त मत्स्य पालन को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. यू.के. सरकार, प्रभागाध्यक्ष, जलाशय एवं आर्द्रक्षेत्र मात्स्यिकी प्रभाग, सिफ़री ने भारत में जलाशय मत्स्य प्रबंधन में वर्तमान प्रगति को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में डॉ. ए. के दास, प्रभारी, प्रशिक्षण और विस्तार इकाई, सिफ़री ने आजीविका सुरक्षा के लिए जलाशय मत्स्य पालन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. सुमन कुमारी, वैज्ञानिक, जलाशय एवं आर्द्रक्षेत्र मात्स्यिकी प्रभाग, सिफ़री ने जलाशय मात्स्यिकी प्रबंधन में जैविक समुदायों की भूमिका पर व्याख्यान दिया। डॉ. अपर्णा रॉय, वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रशिक्षण और विस्तार इकाई, सिफ़री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसवाई) पर प्रतिभागियों को जलाशय में मत्स्य पालन वृद्धि पर बनाए गए विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्रों, मात्स्यिकी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के संकाय प्रमुख, विभिन्न राज्यों के मत्स्य विभागों के अधिकारियों, वैज्ञानिकों, कृषि विज्ञान केन्द्रों के विशेषज्ञों, प्रगतिशील किसानों, मछुआरों, उद्यमियों, गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश के स्वयं सेवी संस्थाओं आदि से कुल 118 प्रतिभागियों ने सक्रिय तौर पर भाग लिया।