भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, बैंगलोर ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में "सतत विकास के लिए कल्चर आधारित मत्स्य पालन पर जन जागरूकता कार्यक्रम" का आयोजन किया
भारत की आजादी का अमृत महोत्सव को मनाने के लिए, भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, बैंगलोर ने 4 अगस्त 2021 को संस्थान के निदेशक डॉ. बि.के.दास की प्रेरणा से कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के करियाला गांव में "सतत विकास के लिए कल्चर आधारित मत्स्य पालन पर जन जागरूकता कार्यक्रम" का आयोजन किया।इस कार्यक्रम में चित्रदुर्ग जिले के गायत्री जलाशय में मत्स्य पालन गतिविधियों में लगे लगभग 40 मछुआरों ने भाग लिया। डॉ. प्रीता पणिक्कर, प्रधान वैज्ञानिक और बैंगलोर केंद्र के प्रभारी ने मछुआरों का स्वागत किया और उन्हें छोटे जलाशय से मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. अजय साहा, वैज्ञानिक ने छोटे जलाशयों में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए जल गुणवत्ता प्रबंधन के महत्व के बारे में बताया। डॉ. विजयकुमार एम.ई, तकनीकी अधिकारी ने मछुआरा समुदाय की आजीविका में सुधार के लिए कल्चर आधारित मत्स्य पालन के महत्व के बारे में बताया। मछुआरों ने मछलियों पर परजीवी संक्रमण, जलाशय के जल स्तर में उतार-चढ़ाव जैसे विभिन्न मुद्दों पर भी बातचीत की क्योंकि यह क्षेत्र कई वर्षों से लगातार सूखे की चपेट में है। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. प्रीता पणिक्कर, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अजय साहा, वैज्ञानिक और डॉ. विजयकुमार एम.ई, तकनीकी अधिकारी द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।