संस्थान में दिनांक 15 अगस्त 2021 को आजादी का अमृत महोत्सव और देश का 75वाँ स्वाधीनता दिवस मनाया गया। प्रातः 8:50 बजे हमारे कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। परेड के बाद निदेशक महोदय ने झंडोत्तोलन किया और तिरंगे को सम्मान देते हुए समस्त उपस्थित लोगों को संबोधित किया। निदेशक महोदय ने अपने अभिभाषण में सर्वप्रथम संस्थान कर्मियों को धन्यवाद दिया कि उनके सहयोग से ही आज हमारा संस्थान नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हमारा संस्थान नई उपलब्धियों और संस्थान के विकास के लिए अथक परिश्रम कर रहा है जिसका परिणाम है – संस्थान को परिषद के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना - सरदार पटेल पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान संस्थान), रफी अहमद किदवई पुरस्कार (संस्थान के निदेशक, डा. बि. के. दास को उत्कृष्ठ अनुसंधान के लिए) तथा संस्थान की हिन्दी वार्षिक पत्रिका, नीलांजलि को प्रोत्साहन पुरस्कार। निदेशक महोदय ने बताया कि आज अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी, नमामि गंगे और जलवायु परिवर्तन आधारित निक्रा परियोजना के कारण सिफ़री की ख्याति दिन पर दिन और भी बढ़ती जा रही है। हमारे प्रकाशनों का Impact Factor लगभग 176.4 से अधिक है। संस्थान कर्मियों को सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराया जाता रहा है और उनकी पदोन्नति आदि समयानुसार हो रही हैं। यहाँ तक कि कोरोना काल के दौरान सीमित स्टाफ और सीमित परिवहन सुविधा में भी संस्थान के अनुसंधान कार्य निर्बाध गति से चलाए गए। इस प्रकार के सकारात्मक अभिवृद्धि के कारण संस्थान को गत वर्ष और इस वर्ष भी पुरस्कार मिले हैं ।
निदेशक महोदय ने डा. जे के जेना, उपमहानिदेशक (मत्स्य विभाग) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की उक्ति, “Collaboration, Cooperation, Communication” का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा अनुसंधान भी इन चीजों पर आधारित हो जिससे सफलता के नये आयाम प्राप्त हो सकते हैं। गत 5 वर्षों में संस्थान में 6 commecialisation, 5 पेटेंट और 2 ट्रैड्मार्क प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा कई पुरस्कार मिले हैं तथा तकनीकों, प्रोद्योगिकी, मोबाइल एप आदि विकसित हुए है।
निदेशक महोदय ने आगे बताया कि संस्थान के कायों की गुणवत्ता को देखते हुए संस्थान को बहुत महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया है- जिनमें से एक है, Precision Farming ।
अंत में निदेशक महोदय ने सबको धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान में अनुसंधान कार्यों से इसके विकास में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिल रही है और अगर हम ऐसे ही सचेष्ट रहें तो भविष्य में अभूतपूर्व सफलताएँ अवश्य मिलेंगी।
इसके पश्चात एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें संस्थान कर्मियों और बच्चों ने देशभक्ति गीत गाए।