कांजीरापुझा बांध, पलक्कड़, केरल में 'अन्तर्स्थलीय खुले पानी में मत्स्य पालन वृद्धि के लिए प्रणाली विविधीकरण' पर जागरूकता कार्यक्रम

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 'एक्वाकल्चर में प्रणाली विविधीकरण' पर राष्ट्र अभियान के एक हिस्से के रूप में, भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के कोच्चि रिसर्च स्टेशन ने कांजीरापुझा बांध, पलक्कड़ जिले, केरल में ' अन्तर्स्थलीय खुले पानी में मत्स्य पालन वृद्धि के लिए प्रणाली विविधीकरण ' पर 1 सितंबर 2021 को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीमती सती राजीवन (अध्यक्ष, कांजीरापुझा ग्राम पंचायत) द्वारा किया गया था। श्री. सिद्दीकी चेप्पादान (उपाध्यक्ष, कांजीरापुझा ग्राम पंचायत), और श्री. श्रीधरन (मत्स्य विकास अधिकारी) कार्यक्रम में उपस्थित थे। कांजीरापुझा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मत्स्य सहकारी समिति के 20 सक्रिय मछुआरों सहित केरल मत्स्य विभाग और केरल सिंचाई विभाग के 40 अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ. दीपा सुधीसन, वैज्ञानिक और प्रभारी अधिकारी ने इस कार्यक्रम में कांजीरापुझा के विशिष्ट आमंत्रितों और मछुआरों का स्वागत किया। डॉ. थंकम थेरेसा पॉल, वैज्ञानिक ने प्रतिभागियों को संस्थान और केंद्र की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने जलाशयों से मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सिफ़री प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों पर व्याख्यान भी दिया। मछुआरों ने जलाशय में पिंजड़े में खेती शुरू करने में अपनी रुचि व्यक्त की और अपनी चिंताओं को भी व्यक्त किया - ऊदबिलाव द्वारा मछली पकड़ने के जाल को नष्ट करना, भंडारित बीजों की हानि जैसे विषयों पर चर्चा की गई । कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन डॉ. दीपा सुधीसन और डॉ. थंकम थेरेसा पॉल द्वारा श्री एस. मनोहरन, मुख्य तकनीकी अधिकारी और श्री पी. वी. शाजिल, तकनीशियन के सहयोग से किया गया।

  

Updated on 3/09/2021


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2017 Last updated on 3/09/2021