भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान में हिन्दी सप्ताह 2021 का आयोजन
भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में दिनांक 14-20 सितंबर 2021 के दौरान हिंदी सप्ताह आयोजित किया गया है। प्रत्येक वर्ष संस्थान में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की दिशा में हिंदी सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष कोरेाना महामारी के कारण हिन्दी सप्ताह का उदघाटन तथा अन्य प्रतियोगिताएं ऑनलाइन मोड में ‘ज़ूम मीट’ प्लेटफार्म पर आयोजित की जा रही हैं। हिन्दी सप्ताह का उदघाटन दिनांक 14 सितंबर 2021 को किया गया। उदघाटन समारोह में संस्थान मुख्यालय कर्मियों के साथ इसके क्षेत्रीय केन्द्रों/स्टेशनों (इलाहाबाद, बैंगलोर, गुवाहाटी, वडोदरा, कोलकाता और कोच्चि) ने भी भाग लिया। इस उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. (श्रीमती) विजया लक्ष्मी सक्सेना, महासचिव (निर्वाचित), भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था थीं। इस अवसर पर डॉ. अशोक सक्सेना, पूर्व महासचिव, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था भी उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह के स्वागत अभिभाषण में हिन्दी के सर्वकार्याधिकारी, डॉ. एस सामन्ता ने संस्थान के हिन्दी कार्यों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होने संस्थान को प्राप्त पुरस्कारों जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार, रफी अहमद श्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार और नीलांजलि पत्रिका को प्रोत्साहन पुरस्कार बारे में बताया। उन्होने कहा कि संस्थान का हिन्दी वृत्तचित्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वेबसाइट पर अपलोड किए गए है जो हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है। संस्थान के निदेशक, डॉ. बि के दास ने सर्वप्रथम सभी को हिन्दी दिवस की बधाई दी और कहा कि यद्यपि संस्थान के हिन्दी संबंधी कार्यों में बहुत विविधता है और उनकी संख्या में भी बढ़ोतरी है पर हमें इस दिशा में और भी प्रयास करना चाहिए। उन्होने बताया कि यदि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना है मातृभाषा को मजबूत करना चाहिए। चूंकि देश में हिन्दी बोलने वालों की संख्या बहुत अधिक है इसलिए इसका विकास और सुदृढीकरण अत्यंत आवश्यक है। हमारे देश के किसानों में प्रौद्योगिकी विस्तार के लिए भी हिन्दी को बढ़ावा देना चाहिए। मात्स्यिकी विज्ञान और हिन्दी का सम्मिलन किसानों के विकास के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा। मुख्य अतिथि डॉ. (श्रीमती) विजया लक्ष्मी सक्सेना, महासचिव (निर्वाचित), भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था ने संस्थान के हिंदी प्रकाशनों की सराहना की। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी में भी सिफ़री ने अपने अथक प्रयास से संस्थान के कार्यों में वृद्धि की है। हिन्दी को बढ़ावा देने में सोशल मीडिया का विशेष महत्व है और सरल हिन्दी के प्रयोग से इसके विस्तार में बहुत सहायता मिलेगी। उन्होने महान दार्शनिक और समाज सुधारक, केशव चंद्रसेन की उक्ति का संदर्भ दिया जिसके अनुसार, देश में केवल हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है इसलिए इसे ही राजभाषा होना चाहिए। डॉ. अशोक सक्सेना, पूर्व महासचिव, भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था ने सर्वप्रथम निदेशक महोदय को पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। उन्होने संस्थान के हिन्दी कार्यों और प्रकाशनों की सराहना की। उन्होने हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। संस्थान के सह-निदेशक एवं कुलसचिव, श्री राजीव लाल ने कहा की चूंकि सितंबर माह में देश भर में हिन्दी सप्ताह अथवा पखवाड़ा अथवा मास मनाया जाता है इसलिए सितंबर महीना एक प्रकार से हिन्दी के लिए ही समर्पित है। हिन्दी एक समृद्ध भाषा है जिसमें कोई मूक स्वर या व्यंजन का उपयोग नहीं किया जाता है। बहुत से ऐसे देश है जैसे सूरीनाम आदि जहां रेडियो और टीवी चैनल हिन्दी प्रसारण करते हैं। हमारी शिक्षा नीति में भी हिन्दी की भूमिका महत्वपूर्ण रखी गई है इसलिए हमें भी इसके प्रचार-प्रसार हेतु अधिक सचेष्ट होना चाहिए।
इनके अलावा सभी प्रभागाध्यक्षों और क्षेत्रीय केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिकों ने हिन्दी प्रचार-प्रसार पर ज़ोर दिया। उन्होने कहा कि हिन्दी जनमानस की भाषा है और मत्स्य पालकों/मछुआरों तक हमारे संस्थान के तकनीकों और प्रौद्योगिकी को हिन्दी भाषा के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। इस अवसर पर संस्थान की मासिक पत्रिका, अगस्त 2021 तथा “अलवण जल एवं मत्स्य पारिस्थितिकी” पुस्तक का विमोचन किया गया। इस समारोह में मंच संचालन, डॉ. (श्रीमती) सुमन कुमारी, वैज्ञानिक ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सुमेधा दास, तकनीकी सहायक ने प्रस्तुत किया।