भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी द्वारा आयोजित "त्रिपुरा के डुंबूर जलाशय से मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए केज कल्चर " पर जागरूकता कार्यक्रम
भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी और त्रिपुरा मात्स्यिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से 07.09.2021 को त्रिपुरा के धलाई जिले के गंडाचेरा में "त्रिपुरा के डंबूर जलाशय में मछली उत्पादन में वृद्धि के लिए केज कल्चर" पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जलाशय से औसत मछली उत्पादन लगभग 120 किग्रा/हेक्टेयर/वर्ष (2001-2020) है, जो संभावित उत्पादन से कम है। इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्टॉक वृद्धि और पिंजरा पालन जैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को लागू करके जलाशय से मछली उत्पादन को बढ़ाना था। संस्थान के निदेशक और एनईएच घटक के परियोजना समन्वयक डॉ. बि.के. दास के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । डॉ. बी.के. भट्टाचार्य, क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी के प्रमुख और एनईएच के प्रधान अन्वेषक ने गुवाहाटी से कार्यक्रम का समन्वय किया। श्री डी. के. चकमा, टीसीएस, निदेशक, मत्स्य विभाग, त्रिपुरा सरकार ने डंबूर जलाशय में पिंजरा पालन सहित चल रही गतिविधियों को पूरा करने के लिए संस्थान को बहुमूल्य सहायता प्रदान की। तकनीकी सत्र में डॉ. श्यामल चंद्र सुक्ला दास, वैज्ञानिक और श्री बिपुल चंद्र रे, क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी; श्री नंदा गोपाल नोआटिया, डीडीएफ (सी एंड डी, नोडल अधिकारी), मत्स्य निदेशालय; श्री मदन त्रिपुरा, एस एफ, जतनबाड़ी/गंडाचेरा; डॉ. चंदन देबनाथ, वैज्ञानिक, एनईएच क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर, त्रिपुरा केंद्र, लेम्बुचेरा; श्री रणदीप साहा और श्याम सुंदर दास, मत्स्य अधिकारी, गंडाचेर्रा ने कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया। जागरूकता कार्यक्रम में कुल 50 मछुआरों और अधिकारियों ने भाग लिया।