भाकृअनुप-सीआईएफआरआई द्वारा असम के बामुनी और चरण बील में फील्ड दिवस का आयोजन
भाकृअनुप-सीआईएफआरआई द्वारा असम के बामुनी और चरण बील में फील्ड दिवस का आयोजन
संस्थान के एनईएच घटक के तहत असम के बामुनी बील (कामरूप ग्रामीण जिला) और चरण बील (बक्सा जिला) में एचडीपीई पेन तकनीक का डॉ बी.के. दास, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएफआरआई, बैरकपुर के ऊर्जस्वी नेतृत्व संस्थान द्वारा शुरू की गई आउटरीच गतिविधियों के हिस्से के रूप में और डॉ जेके जेना, उपमहानिदेशक (मत्स्यिकी विज्ञान), आईसीएआर, नई दिल्ली, आईसीएआर-सीआईएफआरआई के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। प्रत्येक बील में खाद्य मत्स्य उत्पादन के लिए ३००० m2 (प्रत्येक क्षेत्र ५०० m२ के ६ पेन) के क्षेत्र में पेन बाड़े स्थापित किए गये। मार्च, 2021 के दौरान बामुनी और चरण बील में लेबियो रोहिता (औसत लंबाई, 12.25 सेमी; औसत वजन, 22.78 ग्राम) और सिरहिनस मृगला (औसत लंबाई, 13.03 सेमी; औसत वजन, 22.24 ग्राम) की अंगुलिकाओ के साथ पेन बाड़े को स्टॉक किया गया । दोनों प्रजातियों का स्टॉक दर 3, 6 और 9 प्रति वर्ग मीटर डुप्लिकेट में थी । पालन अवधि 6 महीने थी। प्रग्रहण के समय, एल. रोहिता का आकार वजन में 55-415 ग्राम और लंबाई में 16-30 सेमी तक था; सी. मृगला का आकार वजन में 104-309 ग्राम और लंबाई में 18-27 सेमी तक थी। बामुनी और चरण बील से लगभग 3.0-3.2 टन एल. रोहिता और 2.2-2.5 टन सी. मृगला पकड़ी गई। पेन से मछली के अंतिम प्रग्रहण के अवसर पर, 7 सितंबर, 2021 को बामुनी बील में और 8 सितंबर, 2021 को चरण बील में फील्ड दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम डॉ बी के दास, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएफआरआई और डॉ. बी के भट्टाचार्य, प्रमुख, आईसीएआर-सीआईएफआरआई क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी और प्रधान अन्वेषक नईएच परियोजना के समग्र मार्गदर्शन में आयोजित किए गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सिमंकू बोरा, डॉ. प्रणब दास और श्री अनिल कुमार यादव, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। आदिवासी बील फिशर्स के बीच आईसीएआर-सीआईएफआरआई एचडीपीई पेन तकनीक का प्रदर्शन करने का मूल उद्देश्य इस तकनीक को लोकप्रिय बनाना और बील्स में पेन कल्चर के बारे में जागरूकता पैदा करना, साथ ही मछुआरों की आजीविका में सुधार करना था। बामुनी (65 परिवार) और चरण बील (140 परिवार) के कुल 205 आदिवासी परिवारों (बोडो समुदाय से संबंधित) ने इस कार्यक्रम से लाभ उठाया है। संबंधित बीलों की मीन पालन समिति के सचिवों ने इस सफल पहल के लिए निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई का बमुनी और चरण बील के मछुआरा समुदाय की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त किया।