"कोरोना का गंगा की मछलियों पर नहीं है प्रभाव" सिफरी द्वारा आयोजित वेबिनार का निष्कर्ष

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् -केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), प्रयागराज के द्वारा गंगा के पारिस्थितिकी और मात्स्यिकी पर COVID-19 महामारी का प्रभाव : एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर एक “एक दिवसीय” वेबिनार का आयोजन 18 अक्टूबर 2021 को हुआ। सिफरी प्रयागराज केंद्र के केंद्राध्यक्ष डॉ धर्म नाथ झा ने विषय विशेषज्ञों तथा वेबिनार के प्रतिभागियाओं का स्वागत किया तथा वेबिनार के उद्देश्यों को बताया।
वेबिनार को चार विषय विशेषज्ञों ने संबोधित किया। संस्थान के निदेशक डा० बी के दास ने गंगा के मत्स्य और मात्स्यिकी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया तथा मछुआरों को COVID-19 के नवाचार को अपनाते हुए मछली पकड़ने की सालह दी। डॉ रुचि बडोला, वरिष्ठ प्रोफेसर, भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहारादून ने गंगा तथा जैव विविधता के संरक्षण मे गंगा प्रहरी के कार्यों को लोगों से साझा किया। प्रो. बी डी जोशी, अवकाश प्राप्त, प्रोफेसर गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने अपने सम्बोधन मे गंगा के परिस्थितिकी पर COVID-19 के प्रभाव को विस्तार से समझाया तथा गंगा को स्वस्थ और स्वच्छ रखने के लिए लोगों से विभिन उपायों को अपनाने को कहा । डॉ एस के मन्ना, प्रधान वैज्ञानिक, सिफ़री, बैरकपुर ने अपने व्याख्यान मे बताया की कोरोना का प्रभाव मछ्ली पर नहीं पाया गया है। इसलिए गंगा की मछलियों को सभी लोग निर्भय हो कर खा सकते हैं, इसको खाने से कोरोना का कोई भी खतरा नहीं पाया गया है। अतः गंगा तट पे निवास करने वाले एवं सभी लोगों से अनुरोध है कि बाज़ार से गंगा की मछलियों को खरीद कर खाएं और स्वस्थ रहे।
यह कार्यक्रम ऑन लाइन zoom के माध्यम से आयोजित किया गया जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के मछुआरें, मत्स्य पालक, मत्स्य उद्यमी, छात्र, विश्वविद्यालय के अध्यापक आदि सहित 100 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम मे गंगा विचारमंच के प्रतिनिधि श्री राजेश शर्मा , गंगा टास्क फोर्स के कर्नल विनीत सेठ और गंगा प्रहरी के प्रतिनिधि आदि ने भाग लिया। श्री राजेश शर्मा ने लोगों से गंगा को स्वच्छ रखने का अहवाहन किया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के वैज्ञानिक डा० अबसार आलम ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा अन्य वैज्ञानिक डा० वेंकटेश ठाकुर, डा० जितेंद्र कुमार, डा० श्रवण कुमार शर्मा आदि ने संचालन मे सहयोग किया।
  




Updated on 18/10/2021


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2017 Last updated on 18/10/2021