भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने 26 अक्टूबर से 1 नवंबर 2021 के दौरान सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया
संस्थान ने 26 अक्टूबर से 1 नवंबर 2020 के दौरान "सतर्कता जागरूकता सप्ताह" मनाया, जिसमें "स्वतंत्र भारत@75: अखंडता के साथ आत्मनिर्भरता" पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोविड 19 प्रोटोकॉल मानते हुए कार्यक्रम किया गया। संस्थान के निदेशक द्वारा 26 अक्टूबर को अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ दिलाने के साथ सप्ताह भर चलने वाले अनुष्ठान की शुरुआत की गई। कई कर्मचारियों ने ई-शपथ भी लिया। भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए परिसर में बड़ी संख्या में पोस्टर, बैनर, तख्तियां प्रदर्शित की गईं। अगले दिन सभी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार से लड़ने में एकता दिखाते हुए मानव श्रृंखला बनाई। धोखाधड़ी/भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए और आम जनता को जागरूक करने के लिए मानव श्रृंखला के बाद स्थानीय नौका घाट तक पैदल यात्रा की गई, जो एक व्यस्त आवागमन स्थल है। इस पैदल यात्रा (वॉकथॉन) ने स्थानीय लोगों और यात्रियों में काफी रुचि जगाई।
28 अक्टूबर 2021 को सतर्कता पर केंद्रित एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से आयोजित किया गया था। 29 अक्टूबर 2021 को छात्रों, युवा पेशेवरों और अन्य संविदा कर्मचारियों के लिए एक आशु भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। युवकों ने शानदार ढंग से अपने मन की बात कही। उसी दिन दोपहर में इन-हाउस सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें श्री राजीव लाल, संयुक्त निदेशक (प्रशासन)-सह- रजिस्ट्रार ने संस्थान में सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों पर व्याख्यान दिया। सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव का समापन 1 नवंबर 2021 को समापन समारोह के माध्यम से हुआ जिसमें श्री जयदेवन ए., आईपीएस, अधीक्षक, पुलिस और एचओबी, ईओ-IV, सीबीआई, कोलकाता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने नैतिक आचरण, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए एक विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। संस्थान के निदेशक डॉ. बि .के. दास ने भ्रष्टाचार मुक्त संगठन के लिए पारदर्शिता और सतर्कता के महत्व पर चर्चा की। संस्थान के सतर्कता अधिकारी डॉ. अरुण पंडित ने स्वागत भाषण दिया और सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन डॉ. एस.के. नाग, प्रमुख, एफआरएआई डिवीजन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।