भाकृअनुप-केन्द्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में दिनांक 1 से 3 नवंबर, 2021 के दौरान ‘ गंगा उत्सव- 2021’ मनाया गया। गंगा पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण की दिशा में स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन द्वारा वित्त पोषित 'नमामि गंगे' कार्यक्रम के तहत संस्थान द्वारा मछलियों की रैंचिंग, जन जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। संस्थान गंगा नदी में मछलियों के स्टॉक को पुनरुद्धार करने और मत्स्य प्रजातियों, हिलसा प्रजाति तथा नदीय डॉल्फ़िन के संरक्षण और गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए व्यापक तौर एक पायलट परियोजना के तहत देश के चार अलग-अलग राज्यों के 18 सैंपलिंग स्थलों पर कार्य कर रहा है।
विश्व भर में नदी संरक्षण की दिशा में नदी उत्सव का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। इसी क्रम में जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार प्रति वर्ष गंगा उत्सव का आयोजन करता रहा है। गंगा उत्सव का मुख्य उद्देश्य हितधारकों की सक्रिय और सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के साथ गंगा नदी और इसकी मात्स्यिकी के पुनरुद्धार में "जनभागीदारी" को बढ़ावा देना है। इस उत्सव में गंगा नदी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत जैसे पहलुओं के साथ गंगा नदी के वर्तमान परिदृश्य को प्रदर्शित करना है। सिफ़री ने भी नमामि गंगे, जल शक्ति मंत्रालय के साथ इंडियन मेजर कार्प प्रजातियों, हिल्सा और नदी डॉल्फिन संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने के साथ गंगा उत्सव-2021 को भव्य तरीके आयोजित किया है।
इस कार्यक्रम के तहत दिनांक 1 नवंबर 2021 को इस गंगा उत्सव कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन के कुलपति, विवेकानंद शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान और स्थानीय और सहकारी समिति के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का आरंभ गंगा आरती के साथ हुआ। इसके बाद, संस्थान के निदेशक, डॉ. बसंत कुमार दास ने स्थानीय मछुआरों से गंगा नदी की मछलियों और नदीय डॉल्फ़िन के संरक्षण तथा पुनरुद्धार गंगा के स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ घाट पर एक लाख से अधिक मछली प्रजातियों (रोहू, कतला और मृगल) के जर्मप्लाज्म को गंगा नदी में छोड़ा गया।
दिनांक 2 नवंबर 2021 को पश्चिम बंगाल के त्रिवेणी से बैरकपुर तक गंगा नदी में जन जागरूकता अभियान चलाया गया गया। कार्यक्रम में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विभिन्न घाटों पर मास्क व सैनिटाइजर का भी वितरण किया गया। इस उत्सव के समापन दिन, दिनांक 3 नवंबर, 2021 को संस्थान मुख्यालय में क्विज, बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।