गंगासागर के चक्रवात प्रभावित अनुसूचित जाति और जनजाति के मछुआरों की आय दोगुनी करने हेतु सिफ़री के प्रयास

भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान सुंदरबन के सागर द्वीप में चक्रवात पीड़ित अनुसूचित जाति और जनजाति के मछुआरों को सहायता के लिए सदैव ही तत्पर रहा है। संस्थान मछुआरों के आजीविका उन्नयन हेतु वैज्ञानिक तकनीकों के माध्यम से उनकी आय को दोगुना करने इस किसानों को मछली बीज, चूना, चारा और दवा आदि सामग्री प्रदान करता है ।
इस क्रम में संस्थान ने दिनांक 10 नवंबर 2021 सागर द्वीप में गंगासागर के 14 गांवों और पांच ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों (350 मछुआरे) को दो स्थानों, जिबोंतला (150 मछुआरे) और कृष्णानगर (200 मछुआरे) को सम्मिलित किया गया था। इन मछुआरों को लगभग 36 टन मछली फ़ीड, 100 लाख मछली बीज और मछलियों के लिए 200 मिलीलीटर वाली 350 दवाईयां दी गईं। किसानों को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक, डॉ. बि के दास ने वैज्ञानिक विधि द्वारा मछली पालन से किसानों की आय को दोगुना करने और प्राप्त सामग्री का उचित उपयोग करने पर जोर दिया ।
अनुसूचित जाति और जनजाति कार्यक्रम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. ए के दास, प्रधान वैज्ञानिक और डॉ. पी के परिदा, वैज्ञानिक ने मछली उत्पादन और मछुआरों की आय को दोगुना करने संबंधित तकनीकी विवरण पर विस्तृत चर्चा की। श्रीमती नमिता हाजरा, पंचायत प्रधान, रुद्रनगर, सागर द्वीप ने संस्थान के प्रयासों की सराहना की और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए प्राप्त संसाधनों के उचित उपयोग पर सलाह दिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से मछुआरों को लाभ के साथ उनका आर्थिक स्तर में भी सुधार होगा। निदेशक महोदय ने श्री बंकिम हाजरा, माननीय मंत्री, सुंदरबन क्षेत्र विकास, पश्चिम बंगाल सरकार को गंगासागर के मछली किसानों के विकास के लिए सिफ़री के पहल और कार्य योजनाओं के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम का आयोजन स्वामी विवेकानंद युवा एवं सांस्कृतिक समिति, सागर और सिफ़री द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
  

  

  




Updated on 11/11/2021


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2017 Last updated on 11/11/2021