भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र बैंगलोर ने 23 नवंबर, 2021 को वनविलास सागर जलाशय, चित्रदुर्ग जिला, कर्नाटक में "मछली में रोगाणुरोधी (एंटी-माइक्रोबियल) प्रतिरोध" पर "राष्ट्रीय अभियान" के तहत एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

संस्थान के निदेशक डॉ. बि. के. दास के समग्र मार्गदर्शन में वानीविलास सागर जलाशय, चित्रदुर्ग जिला, कर्नाटक में 23 नवंबर 2021 को क्षेत्रीय केंद्र बैंगलोर द्वारा "मछली में रोगाणुरोधी प्रतिरोध" पर "राष्ट्रीय अभियान" के तहत एक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय केंद्र के प्रमुख तथा प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रीता पणिक्कर ने अपने सहयोगी वैज्ञानिक डॉ. अजय साहा और तकनीकी अधिकारी डॉ. विजयकुमार एम.ई, द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य "संस्कृति आधारित मत्स्य पालन में रोगाणुरोधी प्रतिरोध" पर अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालकों और मछुआरों को संवेदनशील बनाना है। कार्यक्रम में चित्रदुर्ग जिले के वनविलास सागर और गायत्री जलाशयों के 52 मछुआरों ने भाग लिया। डॉ. प्रीता पणिक्कर, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख ने इस जागरूकता कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया और ऑडियो-विजुअल एड्स के उपयोग के साथ मछली के स्वास्थ्य के लिए रोगाणुरोधी प्रतिरोध के बढ़ते खतरे पर जोर दिया। डॉ. विजयकुमार एम.ई., तकनीकी अधिकारी ने मछलियों के प्रमुख रोगों, एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग, विशिष्ट मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। श्रीनिवास डी.एस., वरिष्ठ सहायक निदेशक, मत्स्य विभाग, कर्नाटक सरकार ने राज्य में प्रचलित विशिष्ट मुद्दों को प्रस्तुत किया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने बहुत उत्साह से बातचीत की। सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम के आयोजन में संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
  

  




25/11/21 को अद्यतन किया गया


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