भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ने 4 दिसंबर 2021 को कृषिरत महिला दिवस मनाया
कृषि क्षेत्र में महिलाओं के प्रयासों और योगदान को मान्यता देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद हर वर्ष 4 दिसंबर को 'कृषिरत में महिला दिवस' के रूप में मनाता है। इस अवसर पर भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में एक विचार मंथन सत्र का आयोजन किया गया जिसमें अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन के क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों और यंग प्रोफेशनल के योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई। इस विचार-मंथन सत्र में संस्थान में कार्यरत सभी वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों और छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सजीना ए एम, वैज्ञानिक के स्वागत भाषण के साथ किया गया। डॉ. सुमन कुमारी, वैज्ञानिक ने महिलाओं की भूमिका और योगदान के संबंध में नए विचार प्रस्तुत किए। सुश्री हेना चक्रवर्ती, यंग प्रोफेशनल-II और डॉ. श्रेया भट्टाचार्य, प्रोफेशनल-II ने क्रमशः नमामि गंगे परियोजना और सजावटी मछली पालन में महिलाओं के योगदान पर विचार प्रस्तुत किए। सुश्री सुनीता प्रसाद, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने कृषि में लैंगिक समीकरण तथा महिलाओं की भागेदारी पर अपना विचार रखा। विचार मंथन सत्र की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक, डॉ. बि के दास ने किया तथा उन्होंने सभी महिला कर्मियों की अनुसंधान के साथ-साथ संस्थान निर्माण गतिविधियों में उनके प्रयास और लगन की सराहना की। साथ ही, डॉ. दास ने महिला वैज्ञानिकों में नेतृत्व विकास पर जोर दिया। सिफ़री हमेशा से समाजिक उत्थान के लिए मत्स्य पालन से जुड़ी महिला कर्मियों के लिए एक मंच प्रदान करता है जहां वे उन्मुक्त तौर पर अपने विचार साझा का सकें। कार्यक्रम का समापन सुश्री निरुपदा चानू, वैज्ञानिक के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।