सिफरी वैज्ञानिक तथा महिला स्वयंसेवी समूह के बीच पारस्परिक संवाद का आयोजन

भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने दिनांक 7 दिसंबर, 2021 को रथिंद्र कृषि विज्ञान केंद्र, श्रीनिकेतन, बीरभूम में वैज्ञानिक-महिला स्वयंसेवी समूह के बीच पारस्परिक संवाद का आयोजन किया गया। इस संवाद का आयोजन रथिंद्र कृषि विज्ञान केंद्र, विश्व भारती, शांतिनिकेतन के सहयोग से किया गया था जिसमें बीरभूम जिले के 16 स्वयंसेवी समूह से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के कुल 152 लाभार्थियों ने भाग लिया। इस संवाद का उद्देश्य प्रतिभागियों को आजीविका और पोषण सुरक्षा के लिए अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन के बारे में जागरूक करना है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, डॉ. बि के दास ने पोषण और आयवृद्धि हेतु अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन के लाभ के साथ क्षेत्रीय स्तर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के योजनाओं के माध्यम से संचालित आजीविका सुधार कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अन्तर्स्थलीय जल निकायों में मछलियों में होने वाले रोग संक्रमण तथा इसके प्रबंधन के बारे में भी चर्चा की। डॉ. एम. ए. हसन, प्रभागाध्यक्ष, एफआरएम; डॉ. ए. के. दास, प्रभारी, प्रशिक्षण एवं विस्तार कक्ष; डॉ. अपर्णा रॉय, नोडल अधिकारी आदिवासी उप-योजना ने अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन के विभिन्न घटकों के बारे में विस्तृत तौर पर बताया। कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ. सुब्रतो मंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए आय के वैकल्पिक स्रोत के रूप में अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन के महत्व पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में महिला प्रतिभागियों ने सिफ़री के सहयोग से लाभान्वित होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस क्रम में आदिवासी महिला सदस्य, सुकदी मारडी ने कहा कि उनके स्वयं सहायता समूह को संस्थान के विकसित तकनीकों तथा प्रदत्त आदानों से बहुत लाभ हुआ है। लाभार्थियों ने अन्तर्स्थलीय मत्स्य प्रबंधन में आने वाली विभिन्न कठिनाईयों के बारे में चर्चा की। इस अवसर पर आदिवासी उप-योजना तथा अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय के लाभार्थियों की आजीविका वृद्धि के लिए मत्स्य बीज, मछली चारा, चूना जैसे मत्स्य विकास के लिए आदान वितरित किए गए।
संस्थान आदिवासी उप-योजना तथा अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत रथिंद्र कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से प्रदर्शन और जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इस क्रम में दिनांक 7 दिसंबर, 2021 को दोपहर सत्र में आदिवासी महिला सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ श्रीनिकेतन, बीरभूम के अशदुल्ला गांव में एक आदिवासी महिला स्वयंसेवी समूह, "चंदू रकाब" द्वारा प्रबंधित एक जल निकाय में प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

  

  

  

  




8/12/21 को अद्यतन किया गया


यह वेबसाइट भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन से सम्बंधित है। कॉपीराइट @ 2010 आईसीएआर, यह वेबसाइट 2017 से कृषि ज्ञान प्रबंधन इकाई द्वारा विकसित और अनुरक्षित है।
अंतिम बार 13/12/21 को अद्यतन किया गया