भाकृअनुप – केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने संरक्षण और सतत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया
भाकृअनुप – केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर द्वारा बोरती बील, उत्तर 24 परगना में धूमधाम से विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया गया। कुल 60 हितधारकों ने सक्रिय रूप से इस कार्यक्रम में भाग लिया। औद्योगिक अपशिष्टों, कृषि अपशिष्टों आदि के निर्वहन के साथ मानवजनित हस्तक्षेपों से बील का पानी खराब हो रहा है। संस्थान के निदेशक डॉ. बि. के. दास ने सभी हितधारकों को सामाजिक लाभ को ध्यान में रखते हुए आर्द्रभूमि का उपयोग सही तरीके से और बुद्धिमानी से करने का आग्रह किया। आरडब्ल्यूएफ डिवीजन के प्रमुख डॉ. यू. के. सरकार ने बील पर निर्भरशील मत्स्य किसानों को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि आर्द्रभूमि बहुत ही मूल्यवान हैं और हमारे दैनिक जीवन और आजीविका के लिए इसे सही तरह से इस्तेमाल करना चाहिए। मत्स्य किसानों के साथ बातचीत करते समय कई मुद्दे सामने आए और इस मूल्यवान बील को उनके उपयोग के लिए कैसे और अधिक लाभदायी बनाया जाए यह भी चर्चा का विषय रहा। हमें इस बील को अपने घरेलू कूड़ेदान के रूप में नहीं इस्तेमाल करना चाहिए, प्रशिक्षण और विस्तार इकाई के प्रभारी डॉ. ए. के. दास ने वहाँ की महिलाओं को बील के आस पास के जगह की स्वच्छता बनाए रखने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करते हुए कहा।