डॉ. दास ने कोविड महामारी की स्थिति के बीच नई अनुसंधान पहलों, अनुसंधान उपलब्धियों, आउटरीच कार्यक्रमों, विकसित प्रौद्योगिकियों और उत्पादों, उच्च प्रभाव वाले प्रकाशनों और बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डालते हुए संस्थान की विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान को बड़े संस्थान श्रेणी के तहत सरदार पटेल उत्कृष्ट आईसीएआर संस्थान पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया गया और निदेशक महोदय को कृषि विज्ञान में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध रफी अहमद किदवई पुरस्कार मिला। अध्यक्ष, प्रो मणिमारन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणियों में संस्थान की उपलब्धियों की अत्यधिक सराहना की और आरएसी के अध्यक्ष के रूप में देश के इस प्रमुख अनुसंधान संस्थान से जुड़े होने पर सम्मानित महसूस किया। उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करने और उभरती चुनौतियों के संदर्भ में अनुसंधान गतिविधियों को प्राथमिकता देने के संदर्भ में तकनीकी मार्गदर्शन और प्रबंधन योजना प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने पुरस्कार के लिए निदेशक और कर्मचारियों को बधाई दी। डॉ. एस. के. जैन ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित उच्च प्रभाव वाले प्रकाशनों सहित उपलब्धियों की सराहना की।
डॉ. पद्मकुमार ने देश में अन्तर्स्थलीय मछली उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देने में संस्थान के योगदान पर जोर दिया और खुले जल मत्स्य पालन के विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। डॉ. पाठक ने संस्थान के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और कहा कि संस्थान ने अपने अनुसंधान कार्यक्रमों का विस्तार किया है और क्षेत्रीय विकास के लिए अत्यधिक योगदान दिया है। डॉ. बी.पी. मोहंती ने संस्थान में अपने लंबे करियर को याद किया और वैज्ञानिकों से विजन 2047 की राष्ट्रीय आकांक्षाओं के लिए और अधिक योगदान करने का आग्रह किया।
भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान