9th March, 2022
भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर अपनी यात्रापथ के 75वें वर्ष में है। यह भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ भी है, जिस करण ‘भारत की आजादी का अमृत महोत्सव’ भी मनाया जा रहा है। इस संबंध में, आईसीएआर सहित सभी विभाग और मंत्रालय विकास के विभिन्न क्षेत्रों के पिछले 74 वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की श्रृंखला की मेजबानी कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, संस्थान भी प्लेटिनम जुबली व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। 9 मार्च 2022 को, संस्थान ने प्रो. भास्करन मणिमारन, तमिलनाडु डॉ. जे जयललिता फिशरीज यूनिवर्सिटी, नागापट्टिनम के पूर्व कुलपति द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हाइब्रिड मोड में श्रृंखला के चौथे व्याख्यान का आयोजन किया। प्रो. भास्करन मणिमारन राज्य वित्त पोषित मत्स्य विश्वविद्यालय के एक वास्तुकार हैं। एसएयू पैटर्न और पाठ्यक्रम का पालन करके मछली उत्पादन और इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करने वाला आपने आप में यह एक बेमिशाल विश्वविद्यालय है। वे तटीय जलकृषि प्राधिकरण के तकनीकी निदेशक भी थे। वर्तमान में वह एक अंतरराष्ट्रीय जलीय कृषि सलाहकार हैं जो जलीय कृषि और मत्स्य पालन में स्वच्छता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने 'खुले पानी में मत्स्य पालन विकास में उत्पादकता वृद्धि: बेहतर पारिस्थितिक और कार्बन फुट प्रिंट के लिए रणनीतियाँ' पर अपना व्याख्यान दिया। व्याख्यान से सभी समृद्ध हुए और एक विचार-विमर्श सत्र भी आयोजित किया गया था। व्याख्यान सत्र में 146 से अधिक व्यक्तियों ने ऑनलाइन तथा ऑफ लाइन मोड में भाग लिया।