पहला व्याख्यान डॉ. कृष्णा आर. सालिन, अध्यक्ष, जलीय कृषि और जलीय संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम (एएआरएम), पर्यावरण, संसाधन और विकास संस्था (एसईआरडी), एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान (एआईटी), क्लोंग लुआंग, पथुमथानी, थाईलैंड द्वारा "एक्वाकल्चर सिस्टम विविधीकरण: एशिया से सफल उदाहरण" पर दिया गया। दूसरा व्याख्यान प्रो. (डॉ.) रेने एच. विजफेल्स, प्रोफेसर, एग्रोटेक्नोलॉजी और खाद्य विज्ञान विभाग, वैगनिंगन यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड द्वारा "टूवर्ड्स इंडस्ट्रियल माइक्रोएल्गे प्रोडक्शन फॉर फूड एंड फीड एप्लीकेशन" पर था और तीसरा डॉ. जॉर्ज डायस, सह-संस्थापक और सीईओ और प्रोडक्शन मैनेजर, स्पारोस एलडीए, पुर्तगाल द्वारा "एक्वाफीड्स में माइक्रोएल्गे की क्षमता को बढ़ाने" विषय पर था। p> संस्थान के निदेशक डॉ. बि.के. दास के नेतृत्व में संस्थान मुख्यालय के 38 वैज्ञानिक ,पांच तकनीकी अधिकारी और 11 शोधार्थियों ने बैठक कक्ष से वेबिनार में भाग लिया। वहीं, मुख्यालय के 13 वैज्ञानिक ऑनलाइन वेबिनार में शामिल हुए। आरआरसी गुवाहाटी से 12 कर्मचारी, आरआरसी, बैंगलोर केंद्र से 6 कर्मचारी, आरआरसी प्रयागराज से 7 कर्मचारी; आरआरसी वडोदरा से तीन, कोलकाता से दो और कोच्चि केंद्र से तीन ने वेबिनार में भाग लिया। निदेशक, सीएमएफआरआई ने वेबिनार को सफलतापूर्वक आयोजित करने में सहयोग के लिए संस्थान के निदेशक डॉ. बि.के दास को धन्यवाद दिया