कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' को जन भागीदारी उत्सव के रूप में मनाने के लिए विभिन्न किसान केंद्रित अभियान, कार्यशाला, कार्यक्रम, सेमिनार, वेबिनार आदि के आयोजन के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। इस दिशा में सिफरी ने युवाओं में मछली पालन के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए छात्रों और किसानों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियाण देश के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा जिनमें इस उद्देश्य को पूरा करने की असीम क्षमता और दक्षता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से मछली के पोषण गुणों के महत्व पर मछुआरों/मछली किसानों में जागरूकता पैदा की गई जिसमें मात्स्यिकी महाविद्यालय, राहा, असम के लगभग 23 छात्र और सुरेंद्रनाथ कॉलेज, बैरकपुर के 55 छात्र शामिल हुए। संस्थान के निदेशक, डॉ बि के दास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए माननीय प्रधानमंत्री के 'भारत 2.0' के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए 'किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी' अभियान के आयोजन के महत्व पर अपना विचार व्यक्त किया। प्रश्नोत्तरी अभियान का समापन पुरस्कार वितरण के साथ किया गया।