सिफरी में गोपालगंज, बिहार के मछली किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति उन्नयन हेतु कौशल विकास कार्यक्रम
25 अप्रैल, 2022
भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी) के मुख्यालय बैरकपुर में गोपालगंज, बिहार के मत्स्य किसानों के लिए " अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन" पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 19-25 अप्रैल, 2022 के दौरान किया गया। इस प्रशिक्षण में गोपालगंज से 21 किसानों ने भाग लिया। गोपालगंज जिला लगभग 997.8 हेक्टेयर का ताजा जल संसाधन क्षेत्र (चौर और मन क्षेत्र) से समृद्ध है जिसमे अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन विकास के माध्यम से मछुआरों की आजीविका सुधार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। वर्ष 2016-17 से संस्थान ने अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन पर गोपालगंज जिले के 111 किसानों को प्रशिक्षित किया है। इस प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. बि के. दास ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और उन्हें अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन पर ज्ञान और कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जो उन्हें रोजगार और आजीविका सुरक्षा पैदा करने में मदद करेगा। डॉ. दास ने प्रशिक्षुओं को भारत के अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन में उपलब्ध नए उद्यमशीलता के अवसरों के बारे में भी जानकारी दी।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को मछली चारा प्रबंधन, मत्स्य रोग संक्रमण प्रबंधन, मिट्टी और जल रसायन विज्ञान, प्रेरित प्रजनन, मिश्रित मछली पालन, सजावटी मत्स्य पालन, घेरे में मछली पालन, मत्स्य पालन का आर्थिक मूल्यांकन, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के साथ व्यावहारिक सत्र जैसे जल गुणवत्ता मूल्यांकन, मछली फ़ीड तैयार करना, प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध मछली खाद्य जीव आदि पर प्रकाश डाल गया।

इस दौरान प्रशिक्षुओं ने फील्ड एक्सपोजर और सजावटी मछली हैचरी का दौरा किया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं ने 23 अप्रैल, 2022 को 'अन्नदाता देवो भव' अभियान के तहत संस्थान द्वारा आयोजित प्राकृतिक पद्धति से मत्स्य पालन कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें उन्हें प्राकृतिक पद्धति से मछली पालन के लाभों और आवश्यकताओं के महत्व के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के समापन दिन (25 अप्रैल, 2022) को उन्होंने 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत 'किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी' अभियान में 'सजावटी मत्स्य पालन और मछली के पोषण महत्व' पर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी भाग लिया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा सत्र के अलावा ऑन-फील्ड एक्सपोजर और फील्ड प्रदर्शन के माध्यम से तालाबों और टैंकों सहित खुले पानी में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों के व्यावहारिक कौशल को मजबूत करना है जिससे मत्स्य किसानों की आजीविका में सुधार किया जा सके।




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