कि रैन्चिंग कार्यक्रम सरयू में मत्स्य पालन के संरक्षण और बहाली में मदद करेगा और बड़ी संख्या में मछुआरों को आजीविका प्रदान करेगा। सिफ़री के निदेशक और परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. बसंत कुमार दास ने स्थानीय मछुआरों को इस विषय में संवेदनशील बनाया और मछली और डॉल्फ़िन के लिए आवश्यक नदी स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उस इलाके के सक्रिय मछुआरों को उनकी आजीविका में सुधार के लिए पच्चीस कास्ट नेट वितरित किए गए। मास्क और सैनिटाइज़र के वितरण के साथ कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर डॉ संदीप बेहरा, सलाहकार, एनएमसीजी, जिला प्रशासन, अयोध्या पुलिस, एनएमसीजी, आईसीएआर-सिफ़री आदि के अधिकारी उपस्थित थे। नदी के पास रखने वाले सभी वर्गों के व्यक्तियों के बीच सक्रिय भागीदारी देखी गई।