सिफरी द्वारा राष्ट्रीय रैन्चिंग कार्यक्रम’-2022 के तहत पश्चिम बंगाल के दक्षिणेश्वर में रैंचिंग
31 मई, 2022
गंगा नदी में भारतीय मेजर कार्प प्रजातियों की जनसंख्या दिन-प्रति-दिन घटती जा रही है। भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत इन प्रजातियों के संरक्षण और पुनरुद्धार करने के लिए विभिन्न राज्यों में गंगा नदी में राष्ट्रीय रैन्चिंग कार्यक्रम’-2022 का शुभारंभ किया है। इस क्रम में संस्थान द्वारा दिनांक 31 मई 2022 को पश्चिम बंगाल के दक्षिणेश्वर में गंगा नदी में 2 लाख वाइल्ड इंडियन मेजर कार्प प्रजातियों (लेबियो रोहिता, लेबियो कतला और सिरहिनस मृगला) के जर्मप्लाज्म को छोड़ा गया। इस अवसर पर परियोजना के वरिष्ठ सलाहकार, श्री बृजेश सिक्का ने गंगा नदी के संसाधन क्षेत्रों और मछली विविधता के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. संदीप बेहरा, सलाहकार, नमामि गंगे परियोजना ने मछुआरों को मछली पकड़ने के गैर-पारंपरिक तरीके जैसे विषाक्त तत्वों और महीन जालछिद्र वाले जालों के निषेध के बारे में जागरूक किया। राष्ट्रीय रैन्चिंग कार्यक्रम’-2022 के तहत, सिफरी ने वर्ष 2022 में गंगा नदी में 8 लाख से अधिक इंडियन मेजर कार्प प्रजातियों के अंगुलिकाओं और जर्मप्लाज्म को छोड़ा है, जिससे इस नदी के मछुआरों के आजीविका उन्नयन में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों और मछुआरों की उपस्थिति बड़ी संख्या में देखी गई ।