आईसीएआर-सिफरी द्वारा एसटीसी और एससीएसपी परियोजना के तहत झारखंड के मछुआरों को आजीविका सहायता प्रदान किया गया
29 जून, 2022
भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित मछुआरा सहकारी समितियों को मत्स्य पालन के लिए एफआरपी नौकाओं के वितरण के माध्यम से उनकी आजीविका में सुधार के प्रयास किए गए। 27-29 जून 2022 के दौरान झारखंड के तीन जिलों (रांची, हजारीबाग और खूंटी) में स्थित 10 जलाशयों के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछुआरों को संस्थान ने 10 एफआरपी नौका वितरित किए । इन 10 नावों में से, आउटबोर्ड मोटर वाली सात एफआरपी नावों को पेरखा, बोंडा, केरेदारी, घाघरा, जराहिया, कांके और हटिया जलाशयों के सहकारी समिति (अनुसूचित जाति) को वितरित की गईं।
इसके अलावा, तीन नावों को गेतालसूद, करंजी और लोटवा जलाशयों की सहकारी समिति (अनुसूचित जनजाति) के बीच वितरित किया गया। प्रत्येक जलाशयों पर मोटरयुक्त एफआरपी नौकाओं का प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह जलाशयों में मछली पकड़ने और मछली पालन गतिविधियों की निगरानी में सहकारी समिति की मदद करेगा। यह कार्यक्रम डॉ. बि. के. दास, निदेशक, आईसीएआर-सिफरी, बैरकपुर के समग्र मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था, और डॉ ए.के. दास, प्रधान वैज्ञानिक और राजू बैठा, वैज्ञानिक ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया । इस कार्यक्रम में राज्य मत्स्य विभाग के जिला अधिकारी भी शामिल थे।








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