मीन भवन में आयोजित की गई 'असम में खुले जल मत्स्य विकास' पर संवादात्मक बैठक
22 जुलाई, 2022
भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर और मत्स्य पालन निदेशालय (डीओएफ), असम ने संयुक्त रूप से 21.07.2022 को मीन भवन, गुवाहाटी में 'असम में खुले जल मत्स्य विकास' पर एक संवादात्मक बैठक का आयोजन किया। इसका उद्घाटन श्री राकेश कुमार, आईएएस, आयुक्त और सरकार के सचिव ने किया। उन्होंने दोनों संगठनों द्वारा सहयोगी गतिविधियों की सराहना की और उनसे संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए खुले जल मत्स्य पालन विकास के लिए मिलकर काम करना जारी रखने का आग्रह किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. बि. के. दास, के समग्र मार्गदर्शन में किया गया; श्री एन.के.देबनाथ, एसीएस, मत्स्य पालन निदेशक, असम और संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी के प्रमुख (कार्यवाहक) डॉ.बी.के.भट्टाचार्य, भाकृअनुप-सिफरी क्षेत्रीय केंद्र, गुवाहाटी के सभी वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मियों के साथ डीओएफ, फिशफेड, एएफडीसी लिमिटेड के अधिकारियों ने, और स्थानीय प्रिंट और मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
डॉ. धुरबा ज्योति शर्मा, प्रबंध निदेशक, फिशफेड-सह-नोडल अधिकारी, एपार्ट, डीओएफ, असम ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया और इस दिन भर के कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया। श्री जे.पी मेधी, संयुक्त निदेशक मत्स्य पालन, असम ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया। श्री राकेश कुमार, आईएएस, आयुक्त और सरकार के सचिव ने दोनों संगठनों से राज्य के मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। श्री प्रशांत बोरकाकती, एसीएस, प्रबंध निदेशक, एएफडीसी लिमिटेड, गुवाहाटी ने कहा कि सिफ़री और एएफडीसी के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत बील मत्स्य पालन के विकास के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। सिफ़री के हाल के तकनीकी हस्तक्षेपों के कारण, बील के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान के निदेशक के मार्गदर्शन और उनकी टीम की पहल के कारण संभव हुआ। डॉ. बि.के. दास ने देश के अन्तर्स्थलीय खुले पानी में मत्स्य पालन में हाल के विकास और असम और अन्य राज्यों में संस्थान की हालिया पहल के बारे में बताया। उन्होंने खुले पानी की मात्स्यिकी के लिए सिफ़री द्वारा विकसित व्यावसायिक उत्पादों (सिफ़री-केजग्रो फीड, सिफ़री-एचडीपीई पेन, सिफ़री जीआई-केज, आदि) के बारे में भी बताया। इस अवसर पर दो विषयों पर व्याख्यान भी प्रस्तुत किए गए। डॉ. आर. च. बर्मन, मिशन निदेशक, एफएमएस-सीएमएसजीयूवाई (FMS-CMSGUY) ने " असम मत्स्य पालन विभाग द्वारा खुले पानी में मत्स्य पालन विकास और भविष्य की पहल" पर एक प्रस्तुति दी। डॉ.बी.के.भट्टाचार्य ने 'असम की मात्स्यिकी परिदृश्य में खुले पानी के अनुसंधान एवं विकास में सिफ़री द्वारा ली गई पहल’ पर एक प्रस्तुति दी। बातचीत के दौरान, डॉ. आर. सुरेश, रेजिडेंट कंसल्टेंट, वर्ल्डफिश ने सिफ़री और डीओएफ द्वारा एक साथ उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने एपीएआरटी (APART) परियोजना के मात्स्यिकी घटक के तहत गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी। दोपहर में आयोजित संवादात्मक सत्र में सिफ़री के वैज्ञानिकों, डीओएफ के अधिकारियों और अन्य हितधारकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। अपनी समापन टिप्पणी में, संस्थान के निदेशक महोदय ने दोनों संस्थानों से राज्य के खुले पानी में मत्स्य पालन का उपयोग करके राज्य के मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए हाथ मिलाने का आग्रह किया। श्री जे.पी. मेधी, संयुक्त निदेशक मात्स्यिकी, असम द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।








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