गंगा की मछलियों के संरक्षण हेतु झारखंड, साहिबगंज जिले में "नेशनल रैन्चिंग प्रोग्राम" द्वारा किया गया मदद
2 अगस्त, 2022
झारखंड, साहिबगंज जिले के उपायुक्त श्री रामनिवास यादव, आईएएस, ने 2 अगस्त 2022 को मुक्तेशर घाट में भाकृअनुप-केंद्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता द्वारा शुरू किए गए "नेशनल रैन्चिंग प्रोग्राम" का उद्घाटन भारतीय मेजर कार्प (लेबियो रोहिता, लेबियो कतला, सिरहिनस म्रिगला और लेबियो कालबासु) के 2 लाख मछली अंगुलीमीनों को प्रवाहित करके किया। कार्यक्रम में साहिबगंज जिले के मत्स्य अधिकारीगण, अध्यक्ष (झारखंड पूर्वी गंगा सहकारी समिति लिमिटेड) श्री. अशोक चौधरी और सैकड़ों से अधिक मछुआरे उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजू बैठा और श्री मितेश एच. रामटेके ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में, श्री यादव ने कहा कि नदी में रैन्चिंग कार्यक्रम भारतीय मेजर कार्प और अन्य मछलियों के घटते हुए स्टॉक को फिर से ज्यादा करने के लिए किया गया एक प्रयास हैं जो मछुआरा समुदाय की बेहतर आजीविका के लिए उनकी पकड़ में सुधार करने में मदद करेगा। श्री यादव ने मछली पालन और संरक्षण के महत्व और गंगा नदी के मछुआरे समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास पर इसके प्रभावों पर प्रकाश डाला।
सिफ़री के निदेशक डॉ. बि.के. दास ने बताया कि सिफ़री ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे विभिन्न स्थानों में 58 लाख मछली के बीज छोड़े हैं। जन जागरूकता अभियान के दौरान, मत्स्य संरक्षण, विशेष रूप से "हिल्सा और डॉल्फिन संरक्षण" पर बहुत जोर दिया गया हैं । डॉ. दास ने हिलसा और डॉल्फिन सहित गंगा की मछलियों के संरक्षण के प्रयासों में मछुआरों के समुदाय को ध्वजवाहक बनने के लिए उन्हें उत्साहित किया।





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