‘नमामी गंगे’ परियोजना के तहत बलागढ़ में आयोजित नैशनल रैन्चिंग प्रोग्राम में महिला मछुआरों की भागीदारी : सिफ़री की एक पहल
बलागढ़, पश्चिम बंगाल, 06 दिसंबर, 2022
भाकृअनुप- केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफ़री), बैरकपुर ने गंगा नदी के संरक्षण और पुनःउद्धार के लिए बलागढ़ में ‘नामामी गांगे’ परियोजना के तहत नेशनल रैंचिंग प्रोग्राम -2022 का आयोजन किया। सिफ़री आज तक ‘नामामी गांगे’ परियोजना के तहत 60 लाख से अधिक मछलियों का रैन्चिंग कर चुका है।

सिफ़री के निदेशक और ‘नामामी गांगे’ परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. बसंत कुमार दास की उपस्थिति में हूगली जिले के बलागढ़ फेरी घाट में रैंचिंग सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीपुर बलागढ़ मछुआरों कोऑपरेटिव सोसाइटी के सहयोग से रोहू, कतला और मृगाल के कुल 1.15 लाख कृत्रिम रूप से प्रजनित मछली जर्मप्लाज्म को बलागढ़ में छोड़ा गया। कोऑपरेटिव सोसाइटी और सिफ़री के संयुक्त प्रयास से न सिर्फ देशी मछलियों का संरक्षण होगा साथ ही मछुआरों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।

रैंचिंग के साथ-साथ स्थानीय मछुआरों और सिफ़री के बीच हिलसा रैंचिंग और संरक्षण संबंधित एक बैठक भी आयोजित की गई।
इस कार्यक्रम में, समाज के सभी वर्गों से सक्रिय भागीदारीता देखी गई। इसके अलावा, 30 से अधिक महिला मछुआरों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और उन्हें गंगा की बेशकीमती मछलियों के संरक्षण के बारे में भी अवगत कराया गया।





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