उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज लोगों ने हमारे सामाजिक‚ सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में हिन्दी की प्रासंगिकता को स्वीकार किया है‚और इसका दायरा समस्त अहिन्दीभाषी राज्यों में द्रुत गति से बढ़ा है। और हम सभी भारत के निवासियों का यह कर्तव्य हैं के हम हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा दिखाए गए पथ पर चले और हिन्दी को और आगे ले जाए । साथ ही सिफ़री में 4-10 जनवरी, 2023 के दौरान बिहार के सीतामढ़ी के मत्स्य कृषकों को ‘अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम’ दिया जा रहा था और इसी कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. प्राणजीब चक्रबोर्ती, भूतपूर्व एएसआरबी सदस्य मौजूद थे। इसी सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. बि. के. दास ने सभी को विश्व हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ दी और सिफ़री देश के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ कार्य कर रहा हैं और संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का ही प्रयोग कर रहा हैं, यह बताया। वैज्ञानिक, तकनीकी ज्ञान को जन मानस तक सरल भाषा में पहुंचाना ही सिफ़री का उद्देश्य हैं । और हर देशवासी को इस महान कार्य से जुड़ने के लिए उन्होनें उत्साहित किया।