भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर में कृषि पर आईसीएआर-नेटवर्क कार्यक्रम (एनईपीपीए) की पहली तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) की बैठक का आयोजन
, 11 जनवरी, 2022
art586 भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने 10-11 जनवरी, 2023 के दौरान मुख्यालय बैरकपुर में आईसीएआर-नेटवर्क प्रोग्राम ऑन प्रेसिजन एग्रीकल्चर (एनईपीपीए) की पहली तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) की बैठक आयोजित की। डॉ. एस. के. चौधरी, डीडीजी (एनआरएम), आईसीएआर, आईसीएआर-एनईपीपीए कार्यक्रम की संचालन समिति के अध्यक्ष हैं। कार्यान्वयन के लिए तकनीकी सलाहकार समिति का गठन किया गया है जिनमें आईसीएआर, आईआईटी और विश्वविद्यालयों के बारह प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल है। डॉ. अमिताभ बंद्योपाध्याय तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं। इस कार्यक्रम के तहत आईसीएआर के सोलह संस्थान एक साथ काम कर रहे हैं।

बैठक का उद्घाटन 10 जनवरी, 2023 को हुआ। आईसीएआर-सिफरी के निदेशक डॉ. बि.के. दास, ने सभी तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्यों और विभिन्न आईसीएआर संस्थानों के प्रतिभागियों का स्वागत किया।
डॉ. अनिल राय, एडीजी (आईसीटी), आईसीएआर और आईसीएआर-एनईपीपीए कार्यक्रम के समन्वयक ने कार्यक्रम की शुरुवात और इसके वित्त पोषण पैटर्न के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्य योजनाओं के साथ-साथ कार्यक्रम के परिणाम की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस बैठक से महत्वपूर्ण सलाह सामने आनी चाहिए।
डॉ. आर.एन. साहू, प्रोग्राम लीडर (आईसीएआर-एनईपीपीए) ने एनईपीपीए कार्यक्रम की संपूर्ण अवधारणाओं, इसके उद्देश्यों और भविष्य की संभावनाओं को सबके सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रत्येक कार्य योजनाओं और अब तक की प्रगति के बारे में भी चर्चा की। प्रोफेसर जे.आदिनारायण, आईआईटी बॉम्बे और टीएसी सदस्य ने बैठक की अध्यक्षता की और उन्होंने जोर दिया कि समस्याओं को हल करने के लिए सही तकनीक के चयन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने बेंचमार्क डेटासेट तैयार करने की और इसे भविष्य में जनता के लिए उपलब्ध करने की सलाह दी ।
टीएसी सदस्य डॉ. प्रणजीब कुमार चक्रवर्ती, पूर्व सदस्य, एएसआरबी; डॉ कंचन सिंह, पूर्व एडीजी (इंजीनियरिंग), आईसीएआर; डॉ राजीव श्रीवास्तव, पूर्व प्रमुख, रिमोट सेंसिंग डिवीजन, एनबीएसएसएलयूपी, आईसीएआर; डॉ. एम. प्रभाकर, पूर्व प्रमुख, फसल उत्पादन आईसीएआर-आईआईएचआर, बैंगलोर; डॉ. ए.जी. पोन्नैया, पूर्व निदेशक, आईसीएआर-सीबा और आईसीएआर-एनबीएफजीआर, आईसीएआर; प्रो अब्दुल समद, पूर्व डीन और निदेशक एमएएफसीयू, नागपुर ने मूल्यवान सुझाव दिया। उनके सुझाव मुख्य रूप से नए विकास से पहले मौजूदा प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित थे, मात्रात्मक उत्पादन प्राप्त करने पर जोर, प्रौद्योगिकियों का एकीकरण, कीट और रोगों के संवेदन के लिए ध्वनिक उपकरणों का विकास, मजबूत पूर्वानुमान मॉडल का विकास, अनुसंधान के लिए उपयुक्त साइट चयन आदि।

टीएसी के सदस्य प्रो. संतनु चौधरी, निदेशक, आईआईटी-जोधपुर और डॉ. एम. प्रभाकर पूर्व प्रमुख, फसल उत्पादन, आईसीएआर-आईआईएचआर, बैंगलोर ऑनलाइन में शामिल हुए और इकट्ठी की गई डेटा को जनता के लिए उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त अवसर जैसी अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां व्यक्त कीं। देश भर में विशेषज्ञों की संख्या, विकसित तकनीक का सत्यापन और छोटे पैमाने की खेती के लिए इन्हें लागू करना चाहिय। आउटपुट विकसित करने के लिए आईसीएआर सीधे स्टार्टअप से जुड़ सकता है। उद्घाटन सत्र डॉ जॉयदीप मुखर्जी, आईसीएआर-आईएआरआई द्वारा औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ।
उद्घाटन के बाद, आईसीएआर के सोलह संस्थानों के पीआई ने अपनी परियोजना प्रगति प्रस्तुत की, जिसके बाद गहन चर्चा हुई।
11 जनवरी, 2023 को डॉ. एस.के. चौधरी, डीडीजी (एनआरएम), आईसीएआर ऑनलाइन रूप से बैठक में शामिल हुए और उन्होंने कार्यक्रम की भविष्य की संभावनाओं और आईसीएआर की अपेक्षाओं के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने टीम के सदस्यों को क्षेत्र में लागू करने योग्य व्यवहार्य समाधानों के लिए समर्पित होने के लिए प्रोत्साहित किया।
सभी भागीदार संस्थानों के टीम सदस्य ऑनलाइन या ऑफ़लाइन रूप में शामिल हुए और बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया। परियोजना के सुधार के लिए सभी सुझावों का पालन करने के लिए दर्ज किया गया। बैठक 11 जनवरी, 2023 को औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई।





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