डॉ. दीपेश देबनाथ, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और सत्र के बारे में जानकारी दी। संस्थान के निदेशक डॉ. बि.के. दास ने आर्द्रभूमि द्वारा प्रदान की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं का संक्षेप में मूल्यांकन किया, जो स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का साधन हैं। उन्होंने कई आर्द्रभूमियों के बारे में चिंता जताई जो डिस्कनेक्ट हो रही हैं, कृषि रन-ऑफ और सिस्टम में माइक्रोबियल समुदाय और प्रजातियों की हानि जिसका कारण है। उन्होनें बताया की आर्द्रभूमि के सामने आने वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता है।