सिफरी द्वारा दस हजार मछलियों को संरक्षण के लिए गंगा नदी में छोड़ा गया
प्रयागराज, 26 फरवरी, 2023
गंगा नदी में विलुप्त हो रहे मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण एवम् संवर्धन को ध्यान में रखते हुए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् -केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी), प्रयागराज के द्वारा आज दिनांक 26 फरवरी 2023 को, पवित्र पावन गंगा और यमुना के संगम तट पर गंगा नदी में 10000 (दस हजार) भारतीय प्रमुख कार्प-कतला, रोहू, मृगल मछलियों के बीज को रैंचिंग कार्यक्रम के तहत छोड़ा गया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ॰ बी॰ के॰ दास, ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए गंगा नदी में मछली और रैंचिंग के महत्व को बताया।उन्होने कहा पुरे गंगा नदी में कम हो रहे महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजातियो के बीज का रैंचिंग होगा l

डॉ॰ संदीप बेहेरा, वरिष्ठ सलाहकार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिषन ने नमामि गंगे परियोजना के बारे में जानकारी दी साथ ही लोगो को गंगा के जैव विविधता और स्वच्छता के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ॰ दिलीप कुमार, सलाहकार (FAO) एवम पूर्व निदेषक(ICAR-CIFE)) ने मानव सभ्यता के लिए गंगा के महत्व को बताया और गंगा को स्वच्छ रखने एवम जैव विविधता को बचाने के लिए उपस्थित लोगांे से आह्वान किया। इस अवसर पर कुछ जरूरतमन्द मछुआरों को जाल दिया गया और सभी ने गंगा के प्रति जागरूक होने के साथ ही गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के केन्द्राध्यक्ष डा० डी एन झा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आस्वस्त किया कि समाज के भगीदारी से हम इस परियोजना के उद्देष्यों को पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों ने भाग लिया और सभा को सम्बोधित किया।





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