आईसीएआर-सिफरी ने 77वां स्थापना दिवस मनाया
मछली, मछुआरे और आईसीएआर-सिफरी: राष्ट्र की सेवा के 77 वर्ष
बैरकपुर, 17 मार्च, 2023
संस्थान का 77वां स्थापना दिवस, 17 मार्च, 2023 को भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसन्धान संस्थान, बैरकपुर के मुख्यालय में मनाया गया। सन 1947 से, आईसीएआर-सिफरी मत्स्य पालन के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतर्स्थलीय खुले पानी में अनुसंधान, प्रशिक्षण और विस्तार कार्यक्रम कर रहा है।
इस सरल शुरुआत के बाद संस्थान ने कई युगांतरकारी प्रौद्योगिकियां लाया, जिनमें समग्र मछली संस्कृति, जलाशय मत्स्य प्रबंधन दिशानिर्देश, हिलसा और अन्य नदी मछली प्रजातियों का संरक्षण, एकीकृत मत्स्य पालन, नदी में मत्स्य पालन कार्यक्रम और विभिन्न उत्पादों का विकास और व्यावसायीकरण शामिल हैं।
इस अवसर पर श्री अवनीन्द्र सिंह, आईएएस, सचिव, मत्स्य पालन विभाग, पश्चिम बंगाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे; डॉ. धृति बनर्जी, निदेशक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डॉ. डी. बी. शाक्यवार, निदेशक, आईसीएआर-एनआईएनएफटी और डॉ. गौरंगा कर, निदेशक, आईसीएआर-क्रिजाफ सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर 150 किसान एवं उद्यमी तथा स्थानीय विद्यालयों के 150 विद्यार्थी उपस्थित थे।

स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ केक काटकर किया गया, इसके बाद शांति के प्रतीक कबूतरों को छोड़ा गया। डॉ. बि. के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसन्धान संस्थान ने अपने स्वागत भाषण में अंतर्स्थलीय खुले जल में मत्स्य पालन बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं पर पिछले 76 उपयोगी वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा किये गये कार्य और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी, जिसको पूरे भारत में मछुआरा समुदायों द्वारा अपनाया गया ।

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श्री अवनींद्र सिंह, आईएएस, सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार, मत्स्य विभाग, ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में भाकृअनुप-सिफरी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 77वें स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने नयी आने वाली पश्चिम बंगाल अंतर्देशीय मत्स्य नीति की जानकारी दी और राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर जोर दिया।
डॉ. धृति बनर्जी, निदेशक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता ने 77वें स्थापना दिवस पर बधाई दी और दशकों से देश में मत्स्य क्षेत्र के विकास के समर्थन के लिए भाकृअनुप-सिफरी की सराहना की। उन्होंने विशाल स्तर पर मत्स्य जैव विविधता के संरक्षण का आग्रह किया। इस अवसर पर डॉ. डी.बी. शाक्यवार, निदेशक, आईसीएआर-एनआईएनएफटी, कोलकाता और डॉ. गौरंगा कार, निदेशक, आईसीएआर-क्रिजाफ, बैरकपुर ने भी संबोधित किया।

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इस अवसर पर नीलांजलि (हिंदी पत्रिका), सिफरी मासिक समाचार, और तेलंगाना राज्य के जल निकायों के मानचित्रण नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।

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150 किसानों और उद्यमियों की उपस्थिति के साथ किसान-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया। प्रगतिशील मछली किसानों ने अपने ज्ञान को अन्य प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उनके सवालों का जवाब वैज्ञानिकों ने दिया।
स्थानीय स्कूली बच्चों को विभिन्न संस्थान की विकसित तकनीकों के बारे में जिसमें आईओटी पर आधारित तकनीकें भी शामिल हैं जानने का अवसर प्रदान करने के लिए एक संस्थागत दौरा का आयोजन किया गया था, जिसमें वे अपने भविष्य के कैरियर लक्ष्यों को विकसित करने में मदद ले सके आईसीएआर-सिफरी के मछली किसानों, उद्यमियों, छात्रों, अधिकारियों और कर्मचारियों सहित 500 प्रतिभागियों ने 77वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लिया।





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