पिछले 10 वर्षों में, सिफ़री के मार्गदर्शन में सुंदरबन वासियों ने घर के आँगन में स्थित तालाब और नहर में मछली और सजावटी मछली पालन की शुरुआत किया है। सिफरी ने सुंदरबन के विभिन्न स्थलों जैसे गोसाबा, हिंगलगंज, कोचुखाली, आमतोली, गंगासागर, बाली द्वीप, नामखाना, काकद्वीप और कुलतोली में मछुआरों की आजीविका वृद्धि हेतु कई पहल किया है जिससे लाभार्थियों के लिए वैकल्पिक आजीविका का सृजन हुआ है। और उनकी वार्षिक आय में भी काफी वृद्धि हुई है। इसी क्रम में सिफ़री ने दिनांक 19 मई 2023 को सुदरबन के कुलतोली में महिला मत्स्यजीवी सम्मेलन-2023 का आयोजन किया जिसमें अनुसूचित जाति /आदिवासी योजना के तहत इन समुदायों की ऐसे 500 महिला मछुआरों को आदान वितरित किए गए जिनके घर के आँगन में 0.02 हेक्टेयर से 0.04 हेक्टेयर तक के तालाब उपलब्ध हैं। संस्थान के इस प्रयास से आजीविका वृद्धि के साथ महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में भी सहायता मिलेगी।
यह कार्यक्रम कुलतोली मिलनतीर्थ सोसायटी, दक्षिण 24 परगना के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें सुंदरबन के गोसाबा और बासंती ब्लॉक से लगभग 2500 महिला-मछुआरा उपस्थित हुईं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार ने शोभा बधाई और जिन्होंने अपने वक्तव्य में महिला लाभार्थियों को मछली पालन हेतु बहुत प्रेरित किया। इस अवसर पर कोलकाता स्थित परिषद के अन्य संस्थानों के निदेशक जैसे डा गौरंगा कार, निदेशक, भाकृअनुप-क्रिजाफ; डॉ. डी. बी. शाक्यवार, निदेशक, भाकृअनुप-निनफेट और डॉ. प्रदीप दे, निदेशक, अटारी, कोलकाता उपस्थित थे। यह कार्यक्रम सिफ़री के निदेशक, डॉ. बि .के. दास 'टीम सिफरी' द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।
वर्तमान वर्ष में संस्थान का लक्ष्य 2000 महिला मछुआरों को प्रशिक्षण तथा आदान वितरण के माध्यम से स्व-निर्भर बनाना है।