सिफरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. सामंत ने रैन्चिंग कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि अब तक सिफरी ने पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में गंगा नदी के विभिन्न हिस्सों में 84 लाख से अधिक उन्नत अंगुलीमीनों का रैन्चिंग किया है। बिहार मत्स्य विभाग के डीडीएफ श्री शैलेंद्र कुमार, मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे और रैन्चिंग द्वारा सिफ़री में किए गए प्रयासों की सराहना की, जिससे अंततः गंगा नदी के मछली उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर मत्स्य विभाग के अन्य कर्मचारियों, स्थानीय पंचायत प्रमुख, मत्स्य सहकारी प्रतिनिधि ने अपने विचार सांझा किए और स्थानीय मछुआरों की आजीविका में सुधार के रूप में सिफ़री के योगदान को स्वीकार किया। रैन्चिंग कार्यक्रम के साथ-साथ डॉल्फिन, मछली और हिलसा मत्स्य पालन पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों सहित 80 सक्रिय मछुआरों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। सिफ़री के 'नमामि गंगे' टीम ने समग्र कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजित किया।