आईसीएआर-सिफ़री ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना और नादिया जिले के बाढ़ग्रस्त आर्द्रभूमि में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाया
बैरकपुर, 14 जुलाई 2023
आईसीएआर-सिफ़री ने 3 बाढ़ग्रस्त आर्द्रभूमियों (नादिया जिले के कुमली और खालसी आर्द्रभूमि और पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना से चोमोरदाहा आर्द्रभूमि) में इन-सीटू मछली बीज उगाने और कल्चर आधारित मत्स्य पालन (सीबीएफ) के माध्यम से आजीविका बनाए रखने के लिए अनुसूचित जाति के मत्स्य पलकों की मदद किया। 13 और 14 जुलाई, 2023 को, आईसीएआर-सिफ़री ने मछली बीज उगाने की गतिविधियों में सहायता के लिए तीन आर्द्रभूमियों को 1 टन मछली चारा प्रदान किया। इससे पहले, आईसीएआर-सिफ़री ने आर्द्रभूमि में कल्चर -आधारित मत्स्य पालन के लिए पेन कल्चर के माध्यम से इन-सीटू मछली बीज को प्रदर्शित करने के लिए एचडीपीई पेन, मछली पकड़ने की नावें, कोरेकल, मछली का चारा, मछली के बीज, मछली पकड़ने के जाल और अन्य मत्स्य पालन उपकरण प्रदान किए थे। इस वर्ष पीपीपी मोड शुरू किया गया, जहां लाभार्थी बाड़े में मछली के बीज का पालन करेंगे ,जिससे आर्द्रभूमि से मछली उत्पादन बढ़ाया जा सके।

मछली चारा का वितरण संस्थान के निदेशक डॉ. बि.के.दास द्वारा किया गया। मछली चारा वितरण कार्यक्रम का समन्वय आईसीएआर-सिफ़री के निदेशक के मार्गदर्शन में सुश्री संगीता चक्रवर्ती (टी-3) और श्री कौशिक मंडल (टी-3) की सहायता से वैज्ञानिक डॉ. लियानथुआमलुया द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम से लगभग 550 लाभार्थियों को लाभ होने की उम्मीद है।





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