मुख्य अतिथि अटारी कोलकाता के निदेशक डॉ. पी. दे, और सम्मानित अतिथि कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर बी.बी. जना ने अन्तर्स्थलीय खुले पानी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर सिफ़री द्वारा किए गए सराहनीय कार्य की सराहना की। डॉ. दे ने कहा, "अब हम भारी जलवायु परिवर्तन के कारण छठी प्रजाति के विलुप्त होने की घटना के करीब हैं, और इसलिए अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन में जलवायु संबंधी अध्ययनों को मजबूत किया जाना चाहिए और प्रजनन बिंदु के लिए मछलियों की प्रजनन भेद्यता और प्रजनन फेनोलॉजी का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है।" डॉ. जाना के अनुसार, सिफ़री को पर्यावरणीय अणुओं के स्थिर आइसोटोप विश्लेषण जैसी नवीनतम तकनीकों के समावेश के साथ अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन से संबंधित जलवायु संबंधी कार्य जारी रखना चाहिए।
कार्यशाला के दौरान पैनल चर्चा आयोजित की गई जहां कल्याणी विश्वविद्यालय, बर्दवान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय और केंद्रीय मत्स्य पालन शिक्षा संस्थान, कोलकाता के आमंत्रित विशेषज्ञों ने परियोजनाओं की उपलब्धियों की सराहना की और अनुसंधान के आउटपुट को तैयार करने के लिए अन्तर्स्थलीय खुले जल मत्स्य पालन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने से संबंधित नीति पर अपने सुझाव दिए। सभी विशेषज्ञ कार्बन सीक्वन्सिंग (पृथक्करण) और जलवायु भेद्यता मानचित्रण पर सिफ़री द्वारा किए गए काम से बहुत प्रसन्न हुए । उन्होंने सोर्स -सिंक गतिशीलता को शामिल करते हुए भारत की आर्द्रभूमि की कार्बन सीक्वन्सिंग (पृथक्करण) क्षमता पर और विस्तृत कार्य करने पर जोर दिया और सिफ़री द्वारा विकसित मौजूदा ढांचे का उपयोग करके राज्य-वार विस्तृत भेद्यता मानचित्र बनाने का सुझाव दिया। इसके अलावा, तटीय मछुआरों की आजीविका के उत्थान के लिए सिफ़री द्वारा की गई पहल को प्रोत्साहित किया और सुदूर तटीय क्षेत्रों के मछली किसानों/मछुआरों में 'जलवायु उन्मुख' मछली पालन प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जागरूकता शामिल करने का सुझाव दिया । पैनल चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, मुर्शिदाबाद, नादिया, उत्तर 24 परगना जिले के मछली किसानों ने आर्द्रभूमि मत्स्य पालन के लिए सिफ़री द्वारा दिखाए गए 'जलवायु उन्मुख' तकनीक अपनाते हुए काम करने के अपने अनुभव और संतुष्टि को सांझा किया और बताया कि यह उनके आय को दोगुना करने में कैसे सहायक हुआ हैं।
बैठक समापन टिप्पणियों के साथ संपन्न हुई, जिसमें आयोजन के महत्व, इसके प्रभाव और इसके माध्यम से बने रिश्तों के बारे में बात की गई। उपस्थित सभी व्यक्तियों से भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी भागीदारी और समर्थन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।